तन गुप्ता उप संपादक
भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने ही चाहिए। भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि बांग्लादेश सरकार को हिन्दू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी ही होगी, वो जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को केवल मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता। भारत ने बांग्लादेश से अपील की है कि वह अपने सभी नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक, जो देश की कुल जनसंख्या का केवल 8% हैं, पिछले कुछ महीनों में कई हमलों का शिकार हुए हैं। 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद 50 से अधिक जिलों में 200 से ज्यादा हमले दर्ज किए गए। हाल ही में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हालात और बिगड़ गए। उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया, जिससे ढाका और चटगांव सहित कई शहरों में हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन किया।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को बांग्लादेश के समक्ष गंभीरता से उठाया है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया है। उन्होंने बांग्लादेश में चरमपंथी विचारधारा के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई और कहा कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बोलते हुए जायसवाल ने कहा कि इस्कॉन जैसे संगठनों का एक मजबूत सामाजिक सेवा रिकॉर्ड है, और ऐसे मामलों में निष्पक्ष और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया होनी चाहिए। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और उम्मीद जताई है कि ऐसी घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी