*रतन गुप्ता उप संपादक
शहर में आने वाले श्रद्धालुओं को गोरखपुर के बदलाव की कहानी आसानी से समझाने के लिए मंदिर परिसर और प्रमुख चौराहों पर आकर्षक फ्लैग्स लगाए जाएंगे. इन फ्लैग्स पर शहर की नई परियोजनाओं और उपलब्धियों की झलक होगी.
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में इस बार खिचड़ी मेला सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बदलते गोरखपुर की झलक भी पेश करेगा. वर्ष 2017 से अब तक के शहर के विकास को एलईडी स्क्रीन और विशेष स्टॉल के जरिए दिखाया जाएगा. इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थानों पर ब्रांडिंग के लिए फ्लैग्स लगाए जाएंगे, जो दूसरे जिलों से आए लोगों को गोरखपुर की प्रगति से रूबरू कराएंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संस्कृति एवं सूचना विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. गोरखनाथ मंदिर परिसर में यात्री निवास के पास एक विशेष स्टॉल स्थापित किया जाएगा. इस स्टॉल में एम्स, सैनिक स्कूल, आयुष विश्वविद्यालय और अटल आवासीय विद्यालय जैसी प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही शहर में बने नए पर्यटन स्थल जैसे रामगढ़ताल, निर्माणाधीन नौसढ़,पैडलेगंज सिक्सलेन, नए ओवरब्रिज, देवरिया बाईपास फोरलेन और विरासत गलियारे की जानकारी तस्वीरों और विवरण के माध्यम से साझा की जाएगी.
शहर में आने वाले श्रद्धालुओं को गोरखपुर के बदलाव की कहानी आसानी से समझाने के लिए मंदिर परिसर और प्रमुख चौराहों पर आकर्षक फ्लैग्स लगाए जाएंगे. इन फ्लैग्स पर शहर की नई परियोजनाओं और उपलब्धियों की झलक होगी. यह कदम न केवल गोरखपुर की ब्रांडिंग करेगा, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालु जब अपने क्षेत्रों में लौटेंगे, तो वे भी इस बदलाव की चर्चा क
खिचड़ी मेले के इस खास पहलू का उद्देश्य न केवल गोरखपुर की विकास यात्रा को प्रदर्शित करना है, बल्कि इसे एक नई पहचान भी देना है. रामगढ़ताल से लेकर सिक्सलेन परियोजनाओं तक, हर पहलू में शहर की प्रगति झलकती है. मेला आयोजकों के अनुसार, यह पहल बाहरी लोगों को गोरखपुर के बदलाव से जोड़ने का प्रयास है. इस बार खिचड़ी मेला सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि गोरखपुर की नई तस्वीर दिखाने का माध्यम बनेगा. यह आयोजन बताता है कि, गोरखपुर न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजो रहा है, बल्कि विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है