*रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में मंगलवार (7 जनवरी 2025) की सुबह 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर, उत्तर भारत और बिहार समेत कई इलाकों में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास लोबुचे से 93 किमी उत्तर-पूर्व में था। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर अभी सामने नहीं आई है।
यह नए साल की शुरुआत में तीसरी बार है, जब नेपाल भूकंप का केंद्र बना है। इससे पहले, 2 और 3 जनवरी को झटके महसूस किए गए थे। आइए जानते हैं विस्तार से …
नेपाल में लगातार भूकंप के झटके
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से भूकंप के झटकों का सिलसिला जारी है।
3 जनवरी 2025 को कर्णाली प्रांत के मुगु जिले में 4.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
2 जनवरी 2025 को सिंधुपालचौक जिले में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया।
इन झटकों के कारण स्थानीय लोगों के बीच डर का माहौल बन गया है। लगातार आ रहे भूकंपों ने क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है, लेकिन राहत की बात यह है कि अब तक कोई बड़ा नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं है।
क्यों आते हैं नेपाल में भूकंप?
नेपाल भौगोलिक रूप से एक संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। यह इलाका हिमालयन सिस्मिक बेल्ट का हिस्सा है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की सक्रियता के कारण बार-बार भूकंप आते हैं। इस क्षेत्र में भारत और यूरेशियन प्लेटों के टकराने की प्रक्रिया चलती रहती है, जो भूकंप का मुख्य कारण है।
भूकंप के दौरान क्या करें?
भूकंप के समय अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
खुले स्थान पर जाएं: भूकंप के दौरान खुले मैदान में जाना सबसे सुरक्षित होता है।
घर के अंदर सुरक्षित रहें: अगर बाहर न जा पाएं तो मजबूत फर्नीचर (जैसे टेबल) के नीचे छिपें और खिड़कियों व भारी चीजों से दूर रहें।
लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: भूकंप के दौरान सीढ़ियों का ही उपयोग करें।
मदद के लिए तैयार रहें: जरूरी सामान और पहली मदद का किट अपने पास रखें।
नेपाल और भारत के लिए सतर्कता जरूरी
नेपाल और उत्तर भारत में बार-बार आने वाले भूकंपों से यह स्पष्ट है कि इन इलाकों में भूकंप की तैयारी पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। सरकारों और स्थानीय प्रशासन को भूकंप-रोधी इमारतों के निर्माण और आपदा प्रबंधन की योजना पर काम करना चाहिए।