*रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल के गुल्मी, पाल्पा और स्यांग्जा जिलों के संगम पर स्थित ऐतिहासिक क्षेत्र रुरु के रिडी में माघे संक्रांति मेला पूरे जोरों पर है।
मंगलवार सुबह से ही लोग रिडी स्थित कालीगंडकी नदी में स्नान करने और मेला देखने के लिए उमड़ रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई माघ संक्रांति से तीन दिनों तक कालीगंडकी नदी में स्नान करता है और ऋषिकेश मंदिर के दर्शन करता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग सुबह से ही रिडी में एकत्रित हो जाते हैं।
गुल्मी, पाल्पा, स्यांग्जा और अर्घाखांची सहित नेपाल के कई हिस्सों से श्रद्धालु रिडी में स्नान करने में भाग लेते हैं। माघ संक्रांति मेला शुरू होते ही चारों धामों में प्रसिद्ध धार्मिक स्थल रुरु (रिदि) में स्नान के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है।
धार्मिक मान्यता है कि माघ संक्रांति पर स्नान करने से भगवान और पूर्वजों का ऋण चुकाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रिडी मेले में आने वाले भक्त मन की शांति के साथ-साथ अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति भी चाहते हैं।
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में ऋषि देवदत्त ने इस क्षेत्र में तपस्या की थी। धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से रुरुक्षेत्र को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
माघे संक्रांति के अवसर पर इस्मा ग्रामीण नगर पालिका के सेतीबेनी, रुद्रबेनी, लेक पोखरा, चापहिले और चाल्दी आदि स्थानों पर भी मेले का आयोजन किया जाता है।भारत से भी भारी संख्या में लोग नेपाल जाते हैं ।