*रतन गुप्ता उप संपादक
भारत और नेपाल की सीमा पर सरकार ने भले ही सुरक्षा के तमाम उपाय किए हों, लेकिन तस्करों की कारस्तानी बदस्तूर जारी है. नेपाल के रास्ते दुनियाभर के तस्कर भारत में अपना सामान अवैध रूप से भेजते हैं, जो हर साल अरबों रुपये का होता है.
नेपाल से भारत में सबसे ज्यादा किस चीज की होती है तस्करी, अरबों का है धंधा
भारत-नेपाल सीमा पर हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.
नेपाल और भारत के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा है.
इस बॉर्डर से हर साल कई टन सोने की तस्करी होती है.
नशे की दवाएं और अवैध रूप से नशीले पदार्थ भी आते हैं.
भारत का पड़ोसी देश नेपाल, वैसे तो इसका आकार और व्यापार काफी छोटा है, लेकिन एक चीज है, जिस मामले में यह हमारे अन्य पड़ोसी देशों पर भारी पड़ता है. यह काम है तस्करी का, जो नेपाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से सामान पहुंचाने का सबसे आसान तरीका है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को तो नुकसान पहुंचता ही है, आम आदमी के जीवन पर भी इसका बड़ा असर पड़ता है. नेपाल से तस्करी की खबरें तो आपने भी पढ़ी और सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे कि नेपाल से किस चीज की सबसे ज्यादा तस्करी भारत में होती है.
इससे पहले आपको बता दें कि भारत और नेपाल सीमा की लंबाई करीब 1,751 किलोमीटर की है. यह सीमा पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई है. इसमें सबसे लंबी 651 किलोमीटर की सीमा यूपी से जुड़ती है।सबसे खतरानक बार्डर सोनौली है ।तो बिहार 601 किलोमीटर का बॉर्डर साझा करता है, जबकि पश्चिम बंगाल से सिर्फ 96 किलोमीटर सीमा जुड़ती है. भारत सरकार ने इस सीमा को सुरक्षित बनाने के लिए 50 हजार खंभे लगवाकर उन पर 1.5 लाख बल्ब लगवा दिए हैं, जो अंतरिक्ष से भी दिखाई देते हैं.
कहां से होती है ज्यादा तस्करी
नेपाल के साथ सबसे ज्यादा सीमा यूपी साझा करता है, जाहिर है कि तस्करों के निशाने पर यही राज्य होता है. इसके अलावा यूपी और नेपाल की सीमा भौगोलिक रूप से भी तस्करों के लिए मुफीद है, क्योंकि ज्यादातर सीमाई इलाकों में जंगल और नदियां पड़ते हैं. इनकी निगरानी करना भी पूरी तरह संभव नहीं. इस सीमा की सुरक्षा के लिए सरकार ने करीब 60 हजार सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए हुए हैं. बावजूद इसके तस्करी का सिलसिला रुक नहीं रहा है. त्योहारी सीजन को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल भी लगाए गए हैं, ताकि तस्करों पर अंकुश लगाया जा सके.
किस चीज की सबसे ज्यादा तस्करी
अगर नेपाल से भारत में तस्करी की जाने वाली चीजों की बात करें तो पहले पायदान पर आता है सोना. जी, बिलकु सही पढ़ा आपने. नेपाल के रास्ते तस्कर सोना खरीदकर भारत में अवैध रूप से सप्लाई करते हैं. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट बताती है कि नेपाल से हर साल करीब 10 टन सोने की तस्करी भारत में की जाती है. फाउंडेशन का दावा है कि गोल्ड के बाद नेपाल से सबसे ज्यादा मानव तस्करी भी होती है. अनुमान है कि नेपाल से हर साल करीब 30 हजार लोगों की तस्करी की जाती है. इसमें युवक और युवतियां दोनों शामिल हैं.
नशे का भी बड़ा अड्डा सोनौली बार्डर
नेपाल के रास्ते भांग, गांजा, अफीम जैसे नशे की चीजों की भी खूब तस्करी की जाती है. नेपाल सीमा पर बसे महराजगंज जिले की 84 किलोमीटर खुली सीमा तस्करों के लिए सबसे मुफीद बन गई है. इस सीमा पर 7 महीने में ही पुलिस और एसएसबी ने 692 करोड़ की अवैध दवाएं पकड़ी हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी बड़ी मात्रा में नशे की दवाओं का अवैध धंधा चलता है. तस्करों ने बाकायदा सीमा तक बांट रखी है. सिद्धार्थनगर ,सोनौली बार्डर की सीमा को नशीले पदार्थ, खाद व खाद्य सामग्री, कपड़े, सोना-चांदी जैसी चीजों के लिए बांट रखा है.
जरूरत की चीजों की भी तस्करी
इसके अलावा नेपाल से जरूरत की चीजें जैसे टूथपेस्ट, शैंपू, क्रीज जैसी चीजों की भी तस्करी की जाती है. इतना ही नहीं समय-समय तस्करी की चीजें बदलती रहती हैं. जब भारत में चावल की कीमत बढ़ जाती है तो नेपाल से चावल की तस्करी होती है, कभी टमाटर की तो कभी पेट्रोल-डीजल की तस्करी की जाती है.
क्यों होती है नेपाल के रास्ते तस्करी
वैसे तो भारत नेपाल के अलावा अन्य भी कई देशों के साथ सीमा साझा करता है, लेकिन सबसे ज्यादा आवाजाही नेपाल के रास्ते ही होती है. दोनों देशों के बीच आने-जाने के लिए आसान प्रक्रिया भी है और ज्यादा पूछताछ भी नहीं होती. लिहाजा दुनियाभर के तस्कर भारत जैसे बड़े उपभोक्ता बाजार में अपनी चीजें अवैध रूप से पहुंचाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों सोनौली बार्डर से जम कर तस्करी जारी भारत नेपाल बार्डर की सुरक्षा घेरों को तस्कर तोड़ने में कामयाब हो रहे हैं ।