*रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में निर्माण सीजन शुरू होते ही सीमेंट की कीमतों में वृद्धि से नेपाल में निर्माण कार्य प्रभावित हो गया है। जिले में चल रही गौरव परियोजनाओं से लेकर प्रांतीय और स्थानीय सरकारों के सभी बुनियादी ढांचा निर्माण कार्यों में सीमेंट की कीमत आसमान छू रही है। निजी क्षेत्र के स्टार होटलों, अस्पतालों और स्कूलों सहित निर्माण कंपनियों द्वारा काम रोक दिए जाने और बाधित होने से दिहाड़ी मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
हालांकि निर्माण सीजन के दौरान कीमतों में दशकों से 100 रुपये प्रति बैग की वृद्धि होती रही है, लेकिन ठेकेदारों ने यह कहते हुए बुनियादी ढांचे का निर्माण रोक दिया है कि अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि के बाद वे इस बार काम नहीं कर सकते। निर्माण उद्यमी संघ के कोषाध्यक्ष राम कुमार आर्यल ने कहा, “हमने निर्माण कार्य तत्काल रोक दिया है, क्योंकि सीमेंट की कीमत, जो पिछले महीने तक 500 रुपये प्रति बैग बेची जा रही थी, बढ़कर 820 रुपये हो गई है, जिसके कारण हम काम करने में असमर्थ हैं।” निर्माण क्षेत्र की आवश्यक वस्तुओं के प्रति राज्य की उदासीनता के कारण निर्माण सीजन के दौरान बुनियादी ढांचे के निर्माण में रुकावट आई है। मुझे बताइए।
निर्माण कार्य रुकने से मजदूर और राजमिस्त्री बेरोजगार हो गए हैं। नदी संबंधी सामग्री, निर्माण सामग्री की छड़ें, लौह हार्डवेयर, तथा परिवहन ट्रकों और ट्रैक्टरों के उत्पादन के लिए क्रशर का उपयोग बंद कर दिया गया है। आर्यल ने बताया कि हालांकि पिछले श्रावण में सीमेंट की कीमत 410 रुपये प्रति बोरी थी, लेकिन माघ माह तक स्थानीय बाजार में सीमेंट की कीमत बढ़कर 815 रुपये हो गई।
निर्माण उद्यमियों का कहना है कि पहले हर साल निर्माण सीजन शुरू होते ही पौष और माघ में चावल के एक बैग की कीमत में 100 रुपये की बढ़ोतरी हो जाती थी, लेकिन इस बार महज छह महीने में ही अचानक इसकी कीमत दोगुनी हो गई है। बड़े निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और सितारा होटलों का निर्माण, जहां बड़ी निर्माण कंपनियों ने स्थानीय निर्माण कंपनियों को छोटे-छोटे ठेके दे रखे हैं, सीमेंट की ऊंची कीमत के कारण रुक गया है। म्यूनिसिपल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मोहन शर्मा ने कहा कि स्थानीय ठेकेदारों द्वारा सरकार के समान स्तर की स्थानीय परियोजनाओं पर काम बंद कर देने से बाजार भी प्रभावित हुआ है।
सिमारा स्थित अर्जुन कंस्ट्रक्शन सर्विसेज के संचालक अर्जुन लामिछाने ने बताया कि जिन ठेकेदारों ने श्रावण में सीमेंट की कीमत से डेढ़ से दो हजार रुपये अधिक कीमत पर निर्माण करने का समझौता किया है, उन्हें पांच लाख रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर सात से आठ लाख रुपये का नुकसान होगा। सीमेंट की कीमत में 400 रुपये की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे सड़क, घाट, पुल, पुलिया, स्कूल, पार्टी हाउस आदि का रुका हुआ निर्माण कार्य, जो सीधे तौर पर स्थानीय लोगों से जुड़ा है, तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक सीमेंट की कीमत समायोजित नहीं हो जाती।
निर्माण कम्पनियों द्वारा काम बंद कर दिए जाने से दिहाड़ी मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों दिहाड़ी मजदूरों के बेरोजगार होने के बाद श्रमिक संगठनों ने सरकार से सीमेंट की कीमत की तुरंत जांच कराने की मांग की है।