*रतन गुप्ता उप संपादक
आज महाकुंभ में गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति का रंग दिखा। यहां मौनी बाबा ने अन्य संतों के साथ तिरंगा यात्रा निकाली।
इन दिनों संगम नगरी प्रयागराज महाकुंभ के रंगों में रंगा हुआ नजर आ रहा है। यहां दूर-दराज से श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं। रोज लाखों-करोड़ों की संख्या में तीर्थयात्री संगम नगरी पहुंच रहे हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है। हर 12 वर्षों में महाकुंभ का आयोजन होता है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति महाकुंभ स्नान करता है उसके सभी पाप मिट जाते हैं और उसे पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ में जहां साधु-संत के अनोखे रंग नजर आ रहे हैं वहीं 76वें गणतंत्र दिवस कुंभ मेले में देशभक्ति का भी रंग दिखा। 26 जनवरी के मौके पर मौनी महाराज ने अन्य संतों के साथ तिरंगा यात्रा निकाली। मौनी बाबा हाथ में तिरंगा लिए हुए भारत माता की जय के नारे लगाते हुए दिखें। त्रिवेण किनारे जहां हर दिन भक्तिमय माहौल नजर आता था वहीं गणतंत्र दिवस के अवसर पर देशभक्ति के रंग दिखें।
कौन है मौनी बाबा?
बता दें कि मौनी बाबा को रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से जाना जाता है। अपनी वेशभूषा की वजह से मौनी महाराज सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय है। उन्होंने 11 हजार की रुद्राक्ष की मालाएं पहना हुआ है। बाबा के ये रुद्राक्ष खरीदा हुआ या मांगा हुआ नहीं है बल्कि वो सिर्फ वहीं रुद्राक्ष पहनते हैं, जो किसी संत या महापुरुष द्वारा उन्हें भेंट की जाती है। सोलह मुखी रुद्राक्ष और सिर पर मालाओं से ऊपर सजा चांद के आधे आकार का मुकुट उन्हें नेपाल नरेश ने भेंट किया था।
मौनी महाराज अपने इन रुद्राक्षों की हर दिन पूजा करते हैं। उन्हें मंत्रों से अभिसिंचित करते हैं और रुद्राक्ष धारण करने के नियमों का पूरी तरह पालन करते हैं। मौनी बाबा ने पिछले 44 सालों से अन्न-नमक व मीठे का त्याग किया हुआ है। वह सिर्फ शाम के समय कुछ फल व दूसरे सामान खाते हैं और पानी भी एक ही समय पीते हैं।