परतावल से लेकर भौरावारी तक कागज में हाईवे का निर्माण पूरा, चार साल बाद भी पटरी बनी न गड्ढे भरे

*रतन गुप्ता उप संपादक

मुजुरी अमहवा पुल के किनारे मिट्टी का नहीं हों सकी भराई।

 

महराजगंज। परतावल से लेकर भौराबारी तक 27 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 328 का निर्माण हुए चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पटरी का निर्माण नहीं हो सका। इसके चलते हादसे की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा, कई स्थानों पर सड़क तकनीकी रूप से ठीक नहीं है। इससे चालकों को परेशानी होती है।

मुजुरी अमहवा समेत कई स्थानों पर बने पुल के किनारों पर मिट्टी भराई ठीक से नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार, परतावल से लेकर भौराबारी तक 27 किमी लंबी सड़क करीब 99 करोड़ से बनी है। अभी तक सड़क के दोनों तरफ पटरी का निर्माण नहीं कराया गया। सड़क के किनारे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी संकेतक नहीं लगा है। सड़क पर सफेद पट्टी कहीं-कहीं नहीं लगी है।

मुजुरी, अमहवा नाला पर स्थित और बनरहवा नर्सरी पुल सहित अन्य छोटे पुलों के किनारे मिट्टी की भराई ठीक से नहीं हुई है। इस रूट पर पनियरा से आगे बढ़ने पर मुजुरी बाजार में संदीप पासवान मिले। उन्होंने बताया कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी गति सीमा निर्धारित करने के लिए कोई बोर्ड नहीं लगा है, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। मुजुरी बाजार, लक्ष्मीपुर बगदुलरी, पनियरा बाजार, डिंगुरी, महदेवा और हरपुर तिवारी समेत अन्य जगह घनी आबादी में संकेतक नहीं लगे हैं।

पनियरा कस्बे में नगर पंचायत की ओर से सड़क के किनारे पटरी बनवाई गई है, जबकि कौवाठोड़ के पास जिला पंचायत की ओर से पटरी निर्माण किया गया है। हालांकि, इन दो स्थानों को छोड़कर शेष मार्ग पर कहीं भी पटरी का निर्माण नहीं हुआ है।
इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस रूट से गुजरने पर बरहवां में नरेश मिले। उन्होंने बताया कि मुजुरी अमहवा और बनरहवा नर्सरी के पास बने पुलों के किनारे मिट्टी की भराई ठीक से नहीं हुई है। इससे वाहन चालकों को हर समय दुर्घटना का डर सताता रहता है। रात के समय यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि सड़क के किनारे कोई संकेतक नहीं है।

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