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महराजगंज जनपद में नियम ताक पर…कबाड़ की अवैध दुकानों पर स्क्रैप का धंधा तेज


*रतन गुप्ता उप संपादक 

महराजगंज। नियमों को दरकिनार कर जगह-जगह कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही हैं। गुजरे वर्ष में कबाड़ की दुकानों पर चोरी का कबाड़ भी बिकने का खुलासा हो चुका है। कायदे कानून का पेच फंसा धंधेबाज मोटी कमाई कर रहे हैं।

बीते दिन छापे में व्यापारी की ओर से कोई प्रपत्र नहीं दिखाया जा सका था। टीम इस दिशा में कार्रवाई कर रही है। एक व्यापारी ने बातचीत में बताया कि नेपाल में प्रति किलो पांच से सात रुपये सस्ता कबाड़ मिलता है। जहां से खरीदारी कर भारत नेपाल बॉर्डर की खुली सीमा से आसानी से पहुंचा दिया जाता है। उसके बाद भारत के कई राज्यों में संचालित कारखानों को अच्छी कीमत में बेच दिया जाता है।

जिम्मेदारों के अनुसार, कबाड़ व्यवसाय के लिए शासन ने कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए हैं पर इसके लिए लाइसेंस होना जरूरी है। नियम के मुताबिक कबाड़ के व्यवसाय के लिए लाइसेंस जरूरी है।

इस धंधे में कोई रोकटोक नहीं होने के कारण शहर से लेकर बॉर्डर तक कहीं भी कोई भी व्यक्ति आकर कबाड़ की दुकान चलाना शुरू कर दे रहा है। पहले एक-दो एजेंट रखकर कबाड़ इकट्ठा करवाकर खरीदते हैं। बाद में इनके एजेंट बढ़ जाते हैं। फिर यह धंधा बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है। खास बात तो यह है कि पूरे जिले में इस तरह के कितने कबाड़ी हैं, यह भी किसी के पास रिकाॅर्ड में नहीं है। ये कबाड़ी कम दिनों में लाखों रुपये का धंधा कर रहे हैं।
घर से निकला हुआ कबाड़ जैसे कि लोहा, टीना, एल्युमिनियम, कूलर और पंखे का खराब मोटर, खराब टीवी, बड़ी-बड़ी गाड़ियों का मजबूत लोहा, तेल का टीना, कूलर, पंखा, खराब फ्रिज, फर्नीचर, अलमारी, तांबा, इलेक्ट्रॉनिक चीजें, खराब लैपटॉप, खराब कंप्यूटर, खराब मोबाइल, खराब साइकिल, खराब बाइक, टायर आदि लाए जाते हैं।

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