रतन गुप्ता उप संपादक
यूपी बोर्ड परीक्षा 24 फरवरी से शुरू हो रही है। नकल विहीन परीक्षा बनाने के लिए प्रदेश में वरिष्ठ अधिकारियों की फौज उतारी जाएगी।
प्रदेश में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं को नकलविहीन आयोजित करने व परीक्षा केंद्रों निरीक्षण व पर्यवेक्षण के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की फौज उतरेगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने राज्य स्तरीय सचल दल का गठन किया है। इसके तहत 15 अधिकारियों को मंडलीय पर्यवेक्षक बनाया गया है।
इसके अनुसार अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी को प्रयागराज, अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी को अलीगढ़, समग्र शिक्षा के अपर निदेशक विष्णुकांत पांडेय को मेरठ, संयुक्त शिक्षा निदेशक पवन सचान को झांसी व चित्रकूट मंडल, डॉ. मुकेश चंद्र को आगरा, दीपचंद्र को मुरादाबाद, महेंद्र कुमार सिंह को, बरेली, राजेंद्र प्रसाद को लखनऊ, सांत्वना तिवारी को अयोध्या, संजय कुमार उपाध्याय को देवीपाटन मंडल में जिम्मेदारी दी गई है।
इसी तरह अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कामता राम पाल को गोरखपुर, धर्मेंद्र कुमार को बस्ती, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी को आजमगढ़, रेखा श्रीवास्तव को वाराणसी, आनंदकर पांडेय को मिर्जापुर मंडल का प्रभारी बनाया गया है। इसी क्रम में सभी 75 जिलों में भी एक-एक शिक्षा अधिकारी को जिला पर्यवेक्षक बनाया गया है। इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अनुचित साधन के प्रयोग, परीक्षा की शुचिता, विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंडल व जिले के केंद्रों का निरीक्षण व पर्यवेक्षण करेंगे।
जिला स्तरीय अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट का अधिकार
बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर हर साल की तरह इस साल भी विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट का अधिकार दिया गया है। इनको परीक्षा नकलविहीन आयोजित कराने की जिम्मेदारी दी गई है। यह अधिकार उन्हें 24 फरवरी से 12 मार्च तक होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए दिए गए हैं। इसके तहत राजस्व अधिकारी, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार (पद पर पांच साल या इससे अधिक काम कर चुके हों), संयुक्त निदेशक चकबंदी, उप निदेशक चकबंदी, सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, संयुक्त शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक, डीआईओएस, बीएसए, प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज आदि को कार्यपालक मजिस्ट्रेट जिला स्तर पर बनाया जा सकेगा। यह संबंधित क्षेत्र व जिले में बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम करेंगे