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पनियरा क्षेत्र का मामला ,चाहता तो हत्या कर देता लेकिन…, योगी के मंत्री संजय निषाद पर कई आरोप लगाकर पार्टी के नेता ने जान दी


रतन गुप्ता उप संपादक

योगी सरका में मंत्री संजय निषाद पर उन्हीं की पार्टी के एक नेता ने कई गंभीर आरोप लगाने के बाद सुसाइड कर लिया है। फेसबुक पर संजय निषाद के खिलाफ लंबी पोस्ट लिखी

यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी ही पार्टी के एक नेता ने सुसाइड कर लिया है। महराजगंज के पनियरा क्षेत्र के नरकटहा गांव निवासी और निषाद पार्टी में प्रदेश सचिव रहे धर्मात्मा निषाद ने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिखने के बाद खुदकुशी की है। घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग धर्मात्मा के घर पहुंच गए। परिजन और अन्य लोगों ने सुसाइड नोट में आरोपित किए गए लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की और शव को रोक लिया। पिपराइच क्षेत्र के सपा नेता अमरेन्द्र निषाद व मृतक के भाई अन्य लोगों के साथ अकटहवा-नरकटहा मार्ग पर स्थित उनके घर के सामने धरने पर बैठ गए। पुलिस लोगों को समझाने में जुटी है। लोगों का कहना है कि पहले आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

धर्मात्मा ने मरने से पहले फेसबुक पोस्ट में विस्तार से जान देने के कारणों का जिक्र किया है। लिखा कि मैं अगर दुनियां छोड़कर जा रहा हूँ तो इसका सबसे बड़ा कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों प्रवीण कुमार निषाद और ई श्रवण कुमार निषाद और मेरा दोस्त जय प्रकाश निषाद हैं। अगर मैं मारना चाहता तो इन लोगों को कभी भी मार सकता था। मगर मैं हत्यारा नहीं बनना चाहता था।

जिंदगी की लड़ाई हार गया, यह आखिरी संदेश
धर्मात्मा ने फेसबुक पोस्ट में सबसे ऊपर लिखा कि मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया। यह मेरा आखिरी संदेश है। आज बहुत कुछ सोचने समझने के बाद मैंने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं है। मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था उतना मदद करने का प्रयास किया और कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर भी जाकर लोगों का मदद किया। जिसके कारण मेरे हजारों राजनैतिक और सामाजिक दुश्मन बनें फिर भी मैंने समाज के शोषित, वंचित, और निर्बलों की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा। इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े और कई बार जेल भी जाना पड़ा फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया और लगातार लोगों की मदद करता है।

मेरी लोकप्रियता से संजय निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ गई
आगे लिखा कि अब आते हैं मुख्य बिंदु पर की आखिर मुझे यह फैसला क्यों लेना पड़ा तो आप सबको अवगत कराना चाहता हूँ कि मैं लगभग पिछले 10 वर्ष से डॉ. संजय कुमार निषाद कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सामाजिक और राजनैतिक संगठन जैसे कि राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद् और निषाद पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए कार्य कर रहा था। जिसमें पिछले 10 वर्ष से मैंने कभी अपने परिवार को समय नहीं दिया जितना कि मैंने डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके परिवार के लोगों के साथ-साथ समाज को समय दिया। इस बीच मैंने उत्तर प्रदेश के लगभग 40-50 जिलों में संगठन और पार्टी के लिए कार्य किया जिसके वजह से निषाद समाज के युवाओं के साथ-साथ अन्य वर्ग के भी युवाओं में मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई। जिसके कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ने लगी कि आखिर यह एक साधारण सा लड़का इतना ज्यादा चर्चित और लोकप्रिय कैसे होता जा रहा है।

मेरे खिलाफ लगातार साजिश
मेरी लोकप्रियता को लेकर पिछले दो सालों से डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों ने मेरे खिलाफ सामाजिक और राजनैतिक रूप से षड्यंत्र करते हुए मुझे पहले तो कमजोर करने का प्रयास किया फिर मेरे ही साथ के युवा साथियों को भड़काने व मेरे खिलाफ खड़ा करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देने के साथ-साथ मुझे और मेरे टीम के साथियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने का तरह-तरह का प्रयास करने लगे। यह सारी बातें जानकर मुझे बहुत गहरा चोट पहुंचा मगर फिर भी मैंने खुद को शांत रखा और किसी को यह एहसास नहीं होने दिया।

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