*रतन गुप्ता उप संपादक
हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद ही खास महत्व होता है। महाशिवरात्रि का पर्व देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खास होता है। नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर करीब दस लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
सोनौली बार्डर पर महाराष्ट ,गुजरात ,दिल्ली ,लखनऊ से बसों और कार ने जाने वालों का भी बार्डर पर लगा रहा ।
महाशिवरात्रि के अवसर पर नेपाल और भारत से बुधवार को करीब 20लाख श्रद्धालुओं के यहां पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने आने की उम्मीद है। मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित पांचवीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए काठमांडू पहुंच रहे हैं। महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है।
पूरी हो चुकी हैं तैयारियां
पशुपति ट्रस्ट की प्रवक्ता रेवती अधिकारी ने बताया कि इस भव्य अवसर के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कुल 10,000 सुरक्षाकर्मी और 5,000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर महाशिवरात्रि को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर खुलेगा और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वारों से शिवलिंग के दर्शन की व्यवस्था की गई है।
नेपाल पशुपतिनाथ मंदिर
काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर के आसपास शराब, मांस और मछली के उत्पादन, बिक्री, उपभोग और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार, पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में और उसके आसपास सोमवार से बृहस्पतिवार तक शराब, मांस और मछली पर प्रतिबंध रहेगा। नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। हिमालय को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और नेपाल में शैवों की एक बड़ी संख्या है, जिनके मुख्य देवता भगवान शिव हैं।