रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल पुलिस के जांच से पता चला कि यह समूह करीब एक साल से मोटरसाइकिल की टंकियों में नकली तली बनाकर चांदी की तस्करी कर रहा था, क्योंकि भारत से तस्करी कर काठमांडू लाकर बिक्री करना लाभदायक था।
यह खुलासा हुआ है कि भारत से नेपाल में चांदी की तस्करी की जा रही है। काठमांडू आपराधिक जांच कार्यालय ने अवैध चांदी के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच के दौरान पता चला कि चांदी भारत से नेपाल में तस्करी की जा रही थी। यह खुलासा हुआ है कि तराई जिलों से होते हुए संघीय राजधानी काठमांडू तक जमीन के रास्ते चांदी लाकर इसका अवैध व्यापार किया जा रहा है।
पुलिस ने चांदी की तस्करी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और जांच कर रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 28 वर्षीय गणेश साह, खपरताटा, कलैया नगर पालिका-8, बारा निवासी; 34 वर्षीय प्रेम कुमार कुशवाहा, कलैया-8 निवासी; 22 वर्षीय बिपना सार्की, जीतपुर सिमारा उप-महानगरीय शहर-16, बारा निवासी और नारेफंत, काठमांडू महानगरीय शहर-32 निवासी; 32 वर्षीय दीनानाथ साह सुनार, नागुवा गांव, बीरगंज महानगरीय शहर-16, परसा निवासी; और 34 वर्षीय संतोष कुमार साह, कलैया नगर पालिका-8, बारा निवासी और नारेफंत, काठमांडू निवासी हैं।
आपराधिक जांच कार्यालय के खुफिया स्तंभ ने सूचना मिलने के बाद जांच शुरू की थी कि सीमा शुल्क को दरकिनार कर भारत से काठमांडू तक चांदी की तस्करी की जा रही है और वहां उसे बेचा जा रहा है। आपराधिक जांच कार्यालय के प्रमुख एवं एसएसपी रमेश बसनेत ने बताया कि उन्हें इसी प्रक्रिया के दौरान गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्तियों को आगे की जांच एवं कार्रवाई के लिए राजस्व जांच विभाग कार्यालय, हरिहर भवन, ललितपुर को सौंप दिया गया है।
जांच अधिकारी का कहना है कि यह समूह करीब एक साल से चांदी की तस्करी कर रहा है, क्योंकि सीमा शुल्क से बचकर काठमांडू में चांदी की तस्करी करके उसे बेचने से उन्हें भारी मुनाफा होता। अधिकारी का कहना है, “नेपाल की तुलना में भारत में चांदी थोड़ी सस्ती है।” एक अधिकारी ने कहा, “इसके अलावा, उन्होंने कस्टम को दरकिनार करके और भी बड़ा मुनाफ़ा कमाया।” “ऐसा लगता है कि तस्कर इस धंधे को इसलिए चला रहे हैं क्योंकि वे एक बार में ही बहुत ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं।”
बाइक की टंकी में नकली तह बनाकर तस्करी
पुलिस का कहना है कि यह समूह लंबे समय से भारत से नेपाल चांदी की तस्करी कर रहा है। जांच अधिकारी एवं डीएसपी रोशन खड़का के अनुसार, वे मोटरसाइकिलों की टंकी में नकली तली बनाकर चांदी की तस्करी कर रहे थे।
डीएसपी खड़का ने बताया कि जांच में पता चला कि तेल टैंक के कुछ हिस्सों को काटकर उसमें छेद कर दिया गया था और चांदी को प्लास्टिक में लपेटकर भारत से रक्सौल के रास्ते काठमांडू के बाजार में लाया गया था।
पुलिस का कहना है कि चांदी को धूल जैसे बारीक कणों के रूप में नेपाल लाया जा रहा था।
यह पाया गया है कि इसे काठमांडू लाने के बाद, इसे नारेफेंट में संग्रहीत किया जाता है और फिर वहां से विभिन्न सोने और चांदी के आभूषण की दुकानों में बेच दिया जाता है। पुलिस ने उनके पास से पैसे गिनने की मशीन और चांदी का तराजू भी बरामद किया है।
हुंडी के माध्यम से लेन-देन
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए पांच नेपालियों में इसका मुख्य सरगना संतोष कुमार साह भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि वह ही कुलियों को काम पर रखकर चांदी की तस्करी करता था।
करीब चार साल पहले तक संतोष की बारा के कलैया स्थित सिनेमा रोड पर शुभलक्ष्मी ज्वेलर्स नाम से ज्वेलरी की दुकान थी। उनके अनुसार, ऋण लेकर खोली गई दुकान, ब्याज न चुका पाने के कारण आई समस्याओं के कारण बेच दी गई।
संतोष ने पुलिस को बताया कि वह तीन साल पहले अपनी दुकान बेचकर विदेश में नौकरी के लिए दुबई चला गया था। उन्होंने बताया कि दुबई में 11 महीने बिताने के बाद उन्होंने चितवन के नारायणगढ़ में होटल चलाना शुरू किया। पुलिस का कहना है कि होटल बेचने के बाद वह चांदी की तस्करी में शामिल हो गया।
एसएसपी बस्नेत ने बताया कि करीब 8/9 माह पहले होटल बेचकर काठमांडू में प्रवेश करने वाला संतोष वर्तमान में गिरफ्तार प्रेम कुमार कुशवाहा और गणेश साह को कुली बनाकर चांदी की तस्करी करता पाया गया।
एक जांच अधिकारी ने बताया, “संतोष ने बताया कि भारतीय नागरिक भारत के रक्सौल से चांदी लाकर बीरगंज लाते थे और वहां से वे दोनों इसे काठमांडू लाते थे।”
संतोष ने एक महीने में कम से कम तीन बार चांदी की तस्करी करने की बात स्वीकार की है। पुलिस का कहना है कि वे एक बार में 15 से 20 किलो चांदी लाते हैं।
पुलिस का दावा है कि संतोष ने काठमांडू में ऑर्डर मिलने के बाद भारत से चांदी की तस्करी की थी। “मैं उन नेपाली नागरिकों को पैसे देता था जो टोकन लेकर आते थे, जो भारतीय मुझे व्हाट्सएप के माध्यम से देते थे।” संतोष ने पुलिस को बताया, “यह पैसा हुंडी के जरिए भारत जा रहा था।”
कुली को 10 हजार मजदूरी
पुलिस का कहना है कि संतोष ने प्रेम कुमार और गणेश को, जो कुली के रूप में काम करते थे, एक बार में 20 किलो चांदी काठमांडू लाने के लिए 10,000 रुपये का भुगतान किया था।
उन्होंने पुलिस को बताया कि 15 किलो चांदी लाने पर उन्हें 8,000 रुपये और 20 किलो चांदी लाने पर 10,000 रुपये मिलेंगे। कुली का काम करने वाले प्रेम कुमार बारहवीं की पढ़ाई कर रहे हैं। इससे पहले वह जीतपुर सिमारा स्थित केबीसी एल्युमिनियम में मजदूरी करते थे। पुलिस का कहना है कि संतोष के संपर्क में आने के बाद उसका इस्तेमाल चांदी की तस्करी के लिए कुली के रूप में किया जाने लगा। जांच से पता चला है कि वह अकेले फरवरी में तीन बार बीरगंज से काठमांडू 50 किलो तस्करी की चांदी लेकर आया था।
पुलिस का कहना है कि वह Na 41 Pa 3346 नंबर वाली मोटरसाइकिल पर नकली तल बनाकर चांदी की तस्करी करता था। पुलिस ने मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली है। भारतीय नागरिकों के नेपाल की सीमा पार करने के बाद वह चांदी को काठमांडू ले आता था।
कुली के रूप में प्रयुक्त होने वाला एक अन्य व्यक्ति गणेश है।