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नेपाल में राजशाही समर्थकों का हल्लाबोल, पुलिस से झड़प, काठमांडू में लगाया गया कर्फ्यू भारी संख्या में पर्यटक फंसे तनाव


*रतन गुप्ता उप संपादक

नेपाल में बीते दिन हिंदू राज्य की बहाली की मांग कर रहे राजशाही समर्थकों और पुलिस में झड़प हुई. समर्थकों ने कई जगह पर आगजनी और तोड़फोड़ भी की है. जिसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है.
नेपाल में राजशाही समर्थकों का हल्लाबोल, पुलिस से झड़प, काठमांडू में लगाया गया कर्फ्यू

नेपाल में बीते दिन हिंदू राज्य की बहाली की मांग कर रहे राजशाही समर्थकों के हाथ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बैनर नजर आया था. जिसके बाद पूरे नेपाल में हलचल मच गई थी. यहां पर हिंदू राज्य की बहाली की मांग फिर से तेज हो गई है. काठमांडू में राजशाही समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली. जिसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. समर्थकों ने कई जगह पर आगजनी और तोड़फोड़ भी की है.

रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि नेपाल पुलिस ने राजशाही समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों ने एक घर में आग लगा दी और सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान झड़प भी हुई जिसकी वजह से कई सुरक्षाकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ घायलों का टिंकुने के कांतिपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है. स्थिति तब और बिगड़ गई जब राजशाही समर्थकों ने पुलिस पर पत्थर फेंकते हुए निर्धारित सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की.

बताया गया है कि तिनकुने इलाके में स्थिति बेकाबू होने के बाद पुलिस ने खाली राउंड फायरिंग भी की, जहां हजारों राजतंत्रवादियों ने “राजा आओ देश बचाओ (देश को बचाने के लिए राजा आओ), भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजतंत्र वापस चाहिए जैसे नारे लगाए और नेपाल में राजतंत्र की बहाली की मांग की.


नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लहराते और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें पकड़े प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने इलाके में एक घर में आग लगा दी और बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करते हुए पुलिस से भिड़ गए. उन्होंने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी भी की. मामले को लेकर एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि टकराव में एक व्यक्ति घायल हो गया, आगे की हिंसा को रोकने के लिए, सैकड़ों दंगा पुलिस को तैनात किया गया क्योंकि राजतंत्र समर्थक और विरोधी दोनों समूहों ने अलग-अलग प्रदर्शन किए. रिपोर्ट में कहा गया है कि त्रिभुवन एयरपोर्ट भी बंद हो गया है.

बता दें कि नेपाल ने 2008 में संसदीय घोषणा के ज़रिए अपनी 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया था और एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य में तब्दील हो गया था. हालांकि, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र द्वारा लोकतंत्र दिवस (19 फ़रवरी) पर एक वीडियो संदेश में जनता से समर्थन का आह्वान करने के बाद राजशाहीवादी इसकी बहाली की मांग कर रहे हैं. 9 मार्च को, राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने ज्ञानेंद्र के समर्थन में एक रैली निकाली, जो धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद काठमांडू लौट आए थे.

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