- भीषण गर्मी में अपना शरीर हाइड्रेट रखिये- डा. वी.के. वर्मा
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें, गर्मी में हाइड्रेट रहना जरूरी- डा. वी.के. वर्मा
बस्ती। इस बार गर्मी पुराने रिकार्ड भी तोड़ेगी। तापमान 50 डिग्री से ऊपर जाने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में भीषण गर्मी से बचाव कैसे करें इसकी जानकारी सभी के लिये जरूरी है। यूपी के बस्ती जिला अस्पताल के आयुष चिकित्साधिकारी डा. विजय कुमार वर्मा कहते हैं कि गर्मी से बचने का सबसे पहला और महत्वपूर्ण उपाय है शरीर को हाइड्रेटेड रखना।
गर्मी में पसीने के कारण शरीर से पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से निकलते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। सामान्य तौर पर, एक वयस्क को रोजाना 3.5 से 4 ली. पानी पीना चाहिए। हालांकि गर्मी में यह मात्रा और बढ़ सकती है। हर 15 किग्रा. वजन पर एक ली. पानी पीना उचित है। खास बात ये है कि रात में सोने के बाद पानी नही पीना चाहिये। जरूरी होने पर केवल एक कप पानी पीयें। गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिये पानी के अलावा, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, और फलों का रस जैसे पेय पदार्थ भी शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं। अगर हम सावधान न रहें तो डिहाइड्रेशन से लेकर फ़ूड पॉइज़निंग तक, गर्मी हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। आइये जानते हैं गर्मी के दौरान लोगों को किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और उनसे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
डिहाइड्रेशन से बचें
गर्म मौसम में लोगों को पसीना बहुत ज़्यादा आता है। इस कारण शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी हो जाती है। ऐसे में अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिससे चक्कर आना, सिरदर्द, थकान और रूखी त्वचा हो सकती है। दिन में खूब पानी पिएँ, भले ही आपको प्यास न लगे। अपने आहार में तरबूज, खीरा और संतरे जैसे हाइड्रेटिंग फूड्स को शामिल करें। ज़्यादा कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये और ज़्यादा डिहाइड्रेट कर सकते हैं। साथ ही धूप में निकलते समय पानी की बोतल साथ रखें।
स्किन की सुरक्षा करें
लंबे समय तक धूप में रहने से सनबर्न, टैनिंग, चकत्ते, हीट रैश और कई त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए बाहर जाने से पहले हमेशा सनस्क्रीन लगाएँ। पसीने को रोकने के लिए हल्के, हवादार सूती कपड़े पहनें। फंगल संक्रमण से बचने के लिए ठंडे पानी से नहाएँ और अपनी त्वचा को सूखा रखें। सनबर्न के इलाज के लिए एलोवेरा जेल या कोई भी कूलिंग मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
यूरिन इंफेक्शन से बचें
डिहाइड्रेशन और अत्यधिक पसीना आने से यूरिन कम हो सकता है, जिससे मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया बढ़ जाती है। इस वजह से यूटीआई का जोखिम बढ़ जाता है, खासकर महिलाओं में। ऐसे में अपने सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब सारे तरल पदार्थ पिएँ। सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने के बाद हाइजीन बनाए रखें। बहुत देर तक पेशाब न रोकें। बैक्टीरिया को रोकने के लिए ढीले-ढाले, सूती अंडरवियर पहनें।
हीटस्ट्रोक से करें बचाव
लंबे समय तक बाहर रहने से गर्मी से थकावट हो सकती है, जिससे चक्कर, मतली और अत्यधिक पसीना आ सकता है। इस वजह से कई बार लोग यह हीटस्ट्रोक की चपेट में आ जाते हैं। बचने के लिए ज़्यादा धूप (दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक) के दौरान बाहर निकलने से बचें। नारियल पानी जैसे इलेक्ट्रोलाइट युक्त तरल पदार्थ पीते रहं।
सामान्य जानकारी
कमरे में वेन्टीलेशन बनाये रखें, ए.सी. 20 के नीचे न चलायें, दो तीन घण्टे में एक बार आधे घण्टे के लिये ए.सी. बंद कर दें, शरीर में खुली जगहों पर नारियल तेल लगायें, घर के अंदर बाहर कूड़ा और पानी न जमा होने दें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, कॉटन के कपड़े पहनें और शरीर का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ढक कर रखें, खान पान का ध्यान रखें, सुबह शाम काम करें, हो सके तो 11 से पहले 4 बजे के बाद घर से निकलें, चाय, काफी, पकौड़ी समोसा,फास्ट फूड न खायें, तरल पदार्थ ज्यादा लें, गाड़ी में ज्वलनशील न रखें, मोबाइल गरम न होने दें, गाड़ी का सीसा थोड़ा सा खुला रखें, गाड़ी लम्बी दूरी तक लगातार न चलायें, मोबाइल यूज में न हो तो इंटरनेट बंद कर दें।
इक्सपर्ट परिचय
डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं।