रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज/निचलौल। बेखौफ माफिया रोज रात आठ बजे से खनन करा रहे हैं। नहर के बीच (बेड) से सिल्ट के खनन से काली कमाई कर रहे है। इलाके के दो खनन माफियाओं पर पहले ही केस दर्ज कराया गया था। लेकिन इन पर अंकुश लगाने में विभागीय अधिकारी पूरी तरह से नाकाम रहे है।
सहायक अभियंता सिंचाई खंड प्रथम जितेंद्र कुमार मल्ल ने बताया कि नारायणी शाखा के किमी 0.00 से किमी 2.70 के मध्य गांव सेमरहना,अरदौना और बूढ़ाडीह के बीच नहर के अंदर बेड से माफियाओं की ओर से बड़े पैमाने पर सिल्ट का खनन किया जा रहा था। राजस्व विभाग की टीम ने छापा मारकर खनन में प्रयुक्त एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को चालक सहित पकड़ लिया। पकड़ा गया चालक बनकटी निवासी मनोज है। उसके बयान के आधार पर खनन कर रहे पूर्व ग्राम प्रधान बैदौली सुरेंद्र कुशवाहा, अरदौना के सत्येंद्र यादव और सेमरहना के प्रद्युमन धर दूबे के खिलाफ अवैध खनन का केस दर्ज कराया गया है। सहायक अभियंता ने बताया कि आरोपी सत्येंद्र यादव और प्रद्युमन धर दुबे के खिलाफ पूर्व में भी नहर से सिल्ट की अवैध खनन करने के मामले में केस दर्ज कराया जा चुका है।
सख्ती के बाद भी नहीं लगा अंकुश : नहर से सटे गांवों के रहने वाले गणपति, बिरेंद्र, सुरेश, कन्हैया ने कहा कि नहर में अवैध खनन का खेल पुराना है। इस पर रोक नहीं लग पा रही है। गांवों के रास्तों से शहर तक माफिया अपने गुर्गों की मदद से पहुंचाते हैं। विभाग के जिम्मेदारों की सख्ती भी माफिया पर अंकुश नहीं लगा सकी है। पहले भी खनन के मामले में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि पिछले एक माह से नहर में खनन हो रहा था। एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्रा ने कहा की मामले में आरोपियों के खिलाफ इस बार सख्ती से कार्रवाई की गई है। इनके खिलाफ आगे भी कई तरह कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
रात में दो घंटे बंद रहता था अवैध खनन
ग्रामीणों ने बताया कि खनन करने वाले माफिया हर रोज रात करीब आठ बजे से खनन शुरू करते है। जो सिलसिला रात एक बजे तक चलता था। फिर सुबह करीब तीन बजे से नहर से अवैध खनन शुरू हो जाता था। सुबह करीब सात बजे तक चलता था। लोगों ने बताया कि खनन करने में लगे मजदूर एक ट्रॉली जल्दी लोड कर देते हैं। अब तक नहर से माफिया हजारों ट्रॉली सिल्ट की खनन कर लाखों रुपये की काली कमाई खनन माफिया कर चुके हैं।