रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में त्रिभुवन विश्वविद्यालय इस समय निमित्त उपकुलपति के नाम से ही चल रही है । उपकुलपति प्राडा धर्मकान्त बाँस्कोटा का चार वर्षीर्य कार्यकाल गत कात्तिक १७ गते समाप्त हो चुका है लेकिन अभी तक उपकुलपति नियुक्त नहीं हो पाया है ।
त्रिवि के कुलपति तथा प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’ ने कात्तिक १९ गते शिक्षाध्यक्ष प्राडा शिवलाल भुसाल को तीन महिना के लिए उपकुलपति की जिम्मेदारी दी थी । त्रिभुवन विश्वविद्यालय ऐन, २०४९ के दफा २१ ख अनुसार रिक्त हुए उपकुलपति के पद पूर्ति नहीं होने तक दैनिक कार्य सञ्चालन करने के लिए कम से कम ३ महीने के लिए उपकुलपति की जिम्मेदारी तय की जा सकती है । और इसी आधार पर कुलपति प्रचण्ड ने भुसाल को उपकुलपति के रुप में नियुक्त किया था ।
नये उपकुलपति की तलाश में शिक्षा, विज्ञान तथा प्रविधि मन्त्री अशोक कुमार राई के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय समिति की गठन की गई थी । कात्तिक २० गते उपकुलपति चयन समिति गठन होने के बाद भी हाल तक बैठक ही नहीं हो पाई है ।
समिति में शिक्षा सचिव सुरेश अधिकारी और त्रिवि बौद्ध अध्ययन विभाग के प्रमुख ड‘ा. चन्द्रकला घिमिरे सदस्य हैं । समिति सदस्य तथा शिक्षासचिव सुरेश अधिकारी ने कहा कि मन्त्री की व्यस्तता के कारण बैठक नहीं हो पाई है ।
उपकुलपति नियुक्ति के सम्बन्ध में सत्तारूढ दलों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही है । विगत की ही तरह इस बार भी राजनीतिक तालमेल के ही आधार पर नियुक्ति होने की सम्भावना है ।