रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा से तस्करी का तरीका समय-समय पर बदलता रहता है। गुजरे वक्त में टमाटर के लिए सुर्खियों में रहा बॉर्डर अब टूथपेस्ट, शैम्पू, क्रीम की तस्करी के लिए चर्चित हो गया है। बीते सप्ताह की बरामदगी बयां कर रही है कि तस्करों ने सामान की मांग के अनुसार बदलाव कर लिया है। नेपाल से टूथपेस्ट, शैंम्पू, क्रीम की तस्करी का नेटवर्क सीमापार भारत के महानगरों तक फैल चुका है। प्रतिदिन रुटीन तस्करी कपड़ा है जो सोनौली और नौतनवा के गोदामों से दो करोड़ की कपड़े की तस्करी नेपाल को होती है।एक अनुमान के हिसाब से कपडा हर महिने 35करोड के नेपाल तस्करी कर जाता रात में अधिक और दिन में होते हैं ।
दिन में गोदामों में रख कर रात में नेपाल भेजे जाते हैं ।
जानकारी के अनुसार, प्रसिद्ध विदेशी कंपनियों ने नेपाल में भी फैक्ट्री लगाया है। नेपाल में सामान नेपाली मुद्रा में मिलते हैं। ठीक वही समान भारत में भारतीय मुद्रा में बिकते हैं। इसके बीच के अंतर को तस्करों द्वारा बड़े ही आसानी से भुनाया जा रहा है। नेपाली करेंसी में सामान खरीदकर भारत में भारतीय मुद्रा में बेचते हैं। नेपाल का 100 मुद्रा भारत का 62 रुपये होता है। इसमें आसानी से एक पीस पर 30 से 40 रुपये का मुनाफा मिल जाता है। फुटकर बाजारों में नेपाल से तस्करी कर लाया गया सामान आसानी से खप जाता है। इसकी पहचान आसान नहीं होती है। एक ही कंपनी भारत व नेपाल दोनों जगहों के लिए सामान तैयार करती है। नेपाल में उनके उत्पाद का रेट नेपाली मुद्रा में होता है, लेकिन यह सामान जब भारत में बिकता है तो उस पर नेपाली रेट लिखा होता है। बहुत ही ज्यादा ध्यान देने पर ही वह पकड़ में आता है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की जाती है। अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।