रतन गुप्ता उप संपादक
गांधी परिवार की तरह हम झूठ नहीं बोलते। जो कहते हैं उसे करके दिखाते हैं। आपकी समस्या का निस्तारण होगा, इसके संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, और खुद भी डीआरएम से बात करुंगी। ये बातें रविवार को स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को अमेठी के बहादुरपुर की ग्राम पंचायत किशुनपुर केवई गांव में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में ग्रामीणों के रेलवे अंडरपास की मांग पर कही।
केंद्रीय मंत्री ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम शिलान्यास कर बोर्ड नहीं लगाते। अगर हम शिलान्यास करते हैं तो इसका लोकार्पण भी करते हैं। गांव में जन संवाद कार्यक्रम के दौरान गांव निवासी कृष्णा देवी, झलउ देवी, फूलमती समेत अन्य ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री से शिकायत करते हुए बताया कि रेलवे की ओर से लाइन के किनारे गहरा नाला खोद दिया गया है।
अभी तक झंझरी, राजा का पूरवा, इंदल का पुरवा गांव आदि के ग्रामीण रेलवे लाइन पार कर अपने खेतों में चले जाते थे। लेकिन गहरा नाला खोदने और पिलर लगाकर तारों से बैरिकेडिंग से लोगों को चार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके गुजरना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने सांसद से अंडरपास निर्माण की मांग करते हुए मौके पर चलकर स्थिति देखने की बात कही। सांसद व केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि सीडीओ को ग्रामीणों की समस्या रेल विभाग तक पत्राचार कर भेजने के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे के डीआरएम से भी इस संबंध में वह स्वयं बात करेंगी।
हम झूठा आश्वासन नहीं देते
ग्रामीण मौके पर ही तत्काल आश्वासन चाहते थे, इस पर सांसद ने कहा कि हम झूठ आश्वासन नहीं देते, अधिकारियों से बात कर नियम पूर्वक आपकी समस्या निस्तारित कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने सांसद को बताया कि 40 साल बाद कोई सांसद गांव में आया है, और हमारी समस्या को सुन रहा है। सांसद ने ग्रामीणों से कहा कि आपको किसी प्रकार की समस्या हो आप अपनी समस्या नि:संकोच अधिकारियों के सामने रखें। उसका निस्तारण कराया जाएगा।
अंडरपास निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्री को सौंपा ज्ञापन
सिंहपुर ब्लाॅक की ग्राम पंचायत इन्हौना, चौनापुर, पूरे गडरियन, पूरे दूली एवं मखदुम गंज निवासी रमेश चंद्र वर्मा, राजेश कुमार, इंदल मौर्य, दिनेश सिंह आदि ग्रामीणों ने संसद को शिकायती पत्र देकर रेलवे अंडरपास निर्माण की मांग उठाई है। लखनऊ-वाराणसी रेलखंड पर स्थित अकबरगंज स्टेशन की गेट संख्या 145 सी को रेलवे की ओर से 20 मार्च 2017 को बंद कर दिया गया हैं। ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गेट बंद होने से ग्रामीणों को चार से पांच किमी का चक्कर लगाकर अपने खेत एवं कार्यों के लिए जाना पड़ता हैं।