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सोनौली बार्डर से टूर परमिट की आड़ में नेपाल से सवारी ढो रहीं बसें बार्डर कर क्या रही है सुरक्षा एजन्सी


रतन गुप्ता उप संपादक

आरटीओ की मीलीभगत से सोनौली बार्डर से टूर परमिट की आड़ में कुछ प्राइवेट बसें नेपाल से सोनौली बॉर्डर होते हुए दिल्ली तक सवारियां ढो रही हैं। अधिकारियों की मिली भगत के कारण उन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। ऐसे में वह खूब मनमानी कर रहे हैं।

भारत-नेपाल सरकार के पारस्परिक समझौते के अनुसार भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा के अंतर्गत दिल्ली से पोखरा नेपाल मार्ग पर मॉडर्न एरा टूर एंड ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड पोखरा (नेपाल) व भारत के उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, साहिबाबाद डिपो (गाजियाबाद क्षेत्र) की चार व नेपाली नंबर की चार बसों का परमिट जारी किया गया है। दूतावास द्वारा जारी परमिट पर यह भी लिखा गया है जिन बसों की परमिट जारी की जा रही है वे बसें सोनौली लैंड कस्टम कार्यालय से होकर दिल्ली के लिए जाएंगी। वापसी भी उसी सीमा से होगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

नेपाल से दिल्ली के लिए चलने वाली बसों को जारी हुए परमिट की आड़ में संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से दो दर्जन से अधिक बसें नेपाल से दिल्ली के लिए प्राइवेट व कुछ नेपाली नंबर की बस मनमाने तरीके से सवारियां ढो रही हैं। करीब दो दर्जन से अधिक टूर परमिट बसों को बाहर के जिलों से बुलाकर बिचौलिए के माध्यम से नेपाल के भैरहवा, बेलहिया व बुटवल के आसपास खड़ीकर नेपाल की सवारियां बैठाकर मनमाना किराया वसूल लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद व दिल्ली ले जा रहे हैं। इनमें कुछ सोनौली व भैरहवा बुटवल के बिचौलिए भी शामिल हैं।
टूर परमिट पर सवारी भरने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए बिचौलिए पुलिस, कस्टम, एआरटीओ, नेपाल कस्टम व ट्रैफिक का जिम्मा भी ले रखे हैं। खनुआ बॉर्डर पर इन प्राइवेट बसों पर रोक लगने के कारण यह सभी बसें सोनौली सीमा होकर नेपाल के बेलहिया से सवारी ढो रही हैं। बिचौलिए नेपाल के तमाम ट्रैवल एजेंसी से संपर्क कर सवारियों को इकट्ठा कर यात्रियों की लिस्ट तैयार कर प्राइवेट बसों में बैठाकर दिल्ली भेजते हैं।
एआरटीओ महराजगंज विनय कुमार का कहना है कि नेपाल से दिल्ली चलने वाली टूर परमिट की बसें सवारी ढो रही हैं। इनके बारे में जानकारी मिली है जल्द कार्रवाई की जाएगी। एआरएम सोनौली नंदकिशोर चौधरी का कहना है कि नेपाल से दिल्ली तक चलने वाली अवैध प्राइवेट बसों के संबंध में क्षेत्रीय प्रबंधक गोरखपुर व एआरटीओ महराजगंज को भी पत्र लिखा गया है। इसके बावजूद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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