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यूपी: बाढ़ को लेकर अलर्ट मोड पर सरकार, सीएमओ को भेजे निर्देश, 49 जिले संवदेनशील-अति संवेदनशील श्रेणी में

रतन गुप्ता उप संपादक

यूपी में संभावित बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए सरकार अभी से अलर्ट मोड पर आ गई है। बाढ़ के लिहाज से प्रदेश के 24 जिले अति संवेदनशील और 25 संवेदनशील हैं।

प्रदेश में बाढ़ से संक्रामक बीमारियों की फैलने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। सभी सीएमओ को डॉक्टर से लेकर दवा तक के समुचित इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। राज्य स्तर पर निदेशक (स्वास्थ्य) को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। संबंधित जिलों में सीएमओ को वरिष्ठ चिकित्साधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश दिया गया है।

बाढ़ के लिहाज से प्रदेश के 24 जिले अति संवेदनशील और 25 संवेदनशील हैं। इन जिलों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने मुकम्मल तैयारी के निर्देश दिए हैं। बाढ़ राहत शिविरों पर चिकित्सक, पैरामेडिकल व अन्य कर्मियों की रोस्टर के हिसाब से 24 घंटे तैनाती करने करने को कहा गया है। प्रभावित इलाकों के अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने पर नजदीकी अस्पतालों से चिकित्सक व अन्य स्टाफ संबद्ध करने को कहा गया है। जिला अस्पतालों व सीएचसी में बाढ़ पीड़ितों के अचानक आने की स्थिति में अलग से बेड के इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।

शिविर और उपचार केंद्रों में पर्याप्त दवाएं रखें
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि बाढ़ राहत शिविर और संबंधित क्षेत्र के उपचार केंद्र में दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था कर लिया जाए। जहां दवाएं कम हैं, वहां तत्काल इंतजाम करें। उन्होंने एंटीडायरिटल, ओआरएस के पैकेट, बुखार की दवा, क्लोरोक्वीन, एंटीबायोटिक्स, आईवी फ्लूड, मल्टी विटामिन, आंख से संबंधित ड्राप, कीड़े मारने की दवा, चर्मरोग की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक, एंटी स्नेक वेनम आदि की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। शिविरों में प्राथमिक दवाएं अनिवार्य रूप से रखने के कहा गया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की स्थिति में इस बात की परवाह न करें कि एक व्यक्ति को टीका लगाने के बाद बची वैक्सीन खराब हो जाएगी। जिसे जरूरत है उसे तत्काल टीका लगाएं।

बाढ़ प्रभावित गांवों में बनेंगे डिपो व चिकित्सा दल
बाढ़ प्रभावित गांवों में क्लोरीन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर का डिपो बनाने का निर्देश दिया गया है। ताकि जरूरत पर तत्काल उपलब्ध कराया जा सके। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को पीने के पानी को उबालकर या क्लोरीन टैबलेट डालकर पीने की सलाह दी गई है। साथ ही प्रभावित इलाके के लिए रिस्पांस मोबाइल चिकित्सा दल बनाने को कहा गया है। ताकि आकस्मिक जरूरत पर यह दल मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दे।

बाढ़ का पानी उतरने पर रहें चौकन्ना
प्रमुख सचिव ने सभी सीएमओ एवं अधीक्षकों के निर्देश दिया है कि बाढ़ का पानी उतरने के दौरान खास सतर्कता बरतें। क्योंकि पानी उतरने के बाद संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। ऐसे में कहीं से भी बीमारी फैलने की सूचना आए तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता तत्काल गांव में पहुंचे और संबंधित स्वास्थ्य इकाई से लेकर सीएमओ तक को सूचना दी जाए।

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