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गोरखपुर में तैनात हैं विजेंद्र रिश्वत के लिए एनओसी की फाइल रोकता था दिल्ली में बना रखी है आलीशान कोठी


रतन गुप्ता उप संपादक

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक के निजी सहायक एवं तकनीकी प्रबंधक विजेंद्र सिंह पेट्रोल पंप की एनओसी के लिए आई फाइलों को रिश्वत के लिए अपने पास रोक लेता था। वहीं, डाटा इंट्री ऑपरेटर अखिलेश कुशवाहा की भी इस काम में मिलीभगत सामने आई है।

वह भी फाइलों को ऑनलाइन करने में हिलाहवाली करता था। परियोजना निदेशक ने डाटा इंट्री ऑपरेटर का दो दिन का वेतन रोकने का निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण मांगा है

जानकारी के मुताबिक, विजेंद्र सिंह एनओसी के लिए आई फाइलों का ब्यौरा ऑनलाइन अपलोड करने से रोकता था। ताकि ऑनलाइन फाइलों का स्टेटस न दिखे। और अधिकारी पेंडिंग फाइल के बारे में न जान सकें। इसके लिए उसने डाटा इंट्री ऑपरेटर को भी मिला रखा था।

वह बिना उसकी अनुमति के कोई भी फाइल ऑनलाइन नहीं करता था। सीबीआई द्वारा विजेंद्र के पकड़े जाने के बाद विभागीय जांच में डाटा इंट्री ऑपरेटर अखिलेश कुशवाहा की लापरवाही सामने आने पर बृहस्पतिवार की शाम परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल ने दो दिन का वेतन रोकने का निर्देश देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

शुक्रवार को डाटा इंट्री ऑपरेटर ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि विजेंद्र सिंह उसे फाइलें नहीं देते थे इस कारण ब्यौरा ऑनलाइन नहीं कर पाया। जवाब पर परियोजना निदेशक ने भविष्य में फिर ऐसी गलती होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

विजेंद्र के पोस्टिंग आर्डर का आदेश को भी साथ लेकर गई सीबीआई
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक के सचिव सहायक एवं तकनीकी प्रबंधक विजेंद्र सिंह के रिश्वत लेकर एनओसी देने के प्रकरण में कई अन्य लोग भी फंदे में आ सकते हैं। सीबीआई पेट्रोल पंप से जुड़ी फाइलों की कॉपी के साथ किसके आर्डर पर विजेंद्र की गाेरखपुर में पोस्टिंग हुई, उस आदेश की कॉपी भी अपने साथ ले गई है।

उधर, सीबीआई की कार्रवाई के बाद विभाग में लंबित फाइलों के निस्तारण का काम तेज हो गया है। एनएचएआई में एनओसी सहित अन्य मामलों की 23 लंबित फाइलें अबतक सामने आ चुकी हैं। इसमें से 15 फाइलों का निस्तारण परियोजना निदेशक स्तर से किया जा चुका है।

परियोजना निदेशक का कहना है कि देर रात तक शेष फाइलों का निस्तारण कर दिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग में अब फाइलों के ऑनलाइन करने का काम भी तेज हो गया है। शुक्रवार को डाटा इंट्री ऑपरेटर द्वारा 12 फाइलों में से पांच फाइलों को ऑनलाइन कर दिया गया।

50 हजार रिश्वत के साथ रंगेहाथ पकड़ा गया था विजेंद्र
सीबीआई ने बुधवार दिन में करीब तीन बजे एनएचएआई के तारामंडल स्थित कार्यालय से निजी सहायक विजेंद्र को 50 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा था। उसके सहारा एस्टेट स्थित किराये के आवास पर जांच के बाद सीबीआई ने एक डॉयरी भी कब्जे में ली।

वहां करीब साढ़े तीन लाख रुपये नकदी बरामद हुई। बृहस्पतिवार सुबह विजेंद्र को हिरासत में लेकर सीबीआई की टीम लखनऊ चली गई। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता से एनओसी देने के बदले रुपये लेने के आरोप में सीबीआई ने केस दर्ज किया।

शुक्रवार को बस्ती में सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से दोपहर बाद लौटे अधिकारियों ने बची हुई फाइलों की समीक्षा की। अधिकारियों ने कहा कि सभी औपचारिकताओं को पूरी करने वाली फाइलों को निस्तारित कर दिया जाएगा।

दिल्ली में विजेंद्र का है आलीशान मकान
पेट्रोल पंप के लिए एनओसी की फाइल पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते धराया विजेंद्र सिंह मूलत: दिल्ली का रहने वाला है। उसका दिल्ली में आलीशान मकान है। सीबीआई की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। उसने लखनऊ में भी आलीशान मकान बनवा रखा है। लखनऊ वाले मकान में परिवार रहता है।

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