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पतंजलि आयुर्वेद ने 14 प्रॉडक्ट की बिक्री रोकी, हजारों स्टोर्स से वापस मंगा रही सामान, सुप्रीम कोर्ट में कहा यह


रतन गुप्ता उप संपादक
रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट में आज कहा कि उसने उन 14 प्रॉडक्स की बिक्री रोक दी है जिनके मैन्युफैक्चरिंग के लाइसेंस इस साल अप्रैल में सस्पेंड कर दिए गए थे….

*रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट में आज कहा कि उसने उन 14 प्रॉडक्स की बिक्री रोक दी है जिनके मैन्युफैक्चरिंग के लाइसेंस इस साल अप्रैल में सस्पेंड कर दिए गए थे. कंपनी ने कोर्ट को बताया कि उसने 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर्स से कहा है कि इन्हें वापस भेज दें. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से पूछा है कि क्या उसने सोशल मीडिया समेत सभी प्लेटफॉर्म से अपने सारे भ्रामक विज्ञापन हटा लिए हैं?

अदालत ने पतंजलि से कहा, सोशल मीडिया में अलर्ट के साथ ही दवाओं को हटाने के लिए सभी फ्रेंचाइजी स्टोर्स और पार्टनर स्टोर्स को भी ईमेल भेजे गए हैं लेकिन बिचौलियों को सूचित किए जाने के बाद क्या किया गया? कोर्ट ने कहा कि केवल मुट्ठी भर मध्यस्थ हैं, हजारों नहीं.

बता दें कि 24 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडरों रामदेव और बालकृष्ण ने अखबारों में सार्वजनिक माफी जारी की थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने एक अवमानना ​​मामले की सुनवाई के दौरान उनसे पूछा था कि क्या माफी का आकार उसके विज्ञापनों के समान आकार का था या नहीं.

अदालत ने रामदेव की आयुर्वेद कंपनी को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि विज्ञापनों को हटाने के लिए सोशल मीडिया मीडियेटरों से की गई बातचीत और अनुरोध पूरा हुआ है या नहीं, यह बताएं. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने आज आईएमए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह पूछा. पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था.

सुनवाई के दौरान आईएमए ने अदालत को बताया कि पतंजलि सुनवाई के संबंध में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से माफी मीडिया को भेजी गई है और आईएमए की मासिक पत्रिका के साथ-साथ वेबसाइट पर भी प्रकाशित की गई है.

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