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इस क्रांतिकारी ने खींची थी चंद्रशेखर आजाद की एकमात्र फोटो…आजादी के बाद किया था जारी


रतन गुप्ता उप संपादक
मास्टर रुद्रनारायण के पौत्र गौरव सक्सेना ने बताया कि काकोरी कांड के बाद चंद्रशेखर आजाद झांसी आ गए थे. यहां उन्होंने मास्टर साहब से संपर्क किया. वह एक अच्छे फोटोग्राफर भी थे
भारत की आजादी की लड़ाई में अनेकों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. आज भी कई क्रांतिकारी ऐसे हैं जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं. ऐसे ही एक क्रांतिकारी थे झांसी के रहने वाले रुद्रनारायण. पेशे से शिक्षक होने के कारण उन्हें लोग मास्टर रुद्रनारायण कहते थे. मास्टर रुद्रनारायण चंद्रशेखर आजाद के करीबी सहयोगी थे. काकोरी कांड के बाद चंद्रशेखर आजाद झांसी आ गए थे. यहां उन्होंने मास्टर साहब से संपर्क किया.

मास्टर रुद्रनारायण के पौत्र गौरव सक्सेना ने बताया कि उनके दादाजी ने शुरुआत में चंद्रशेखर आजाद को अपने मकान के तलघर में ही रखा. लेकिन, पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते उन्होंने आजाद की व्यवस्था ओरछा के पास जंगल में स्थित सातार नदी के पास एक गुफा में कर दी थी. पुलिस के लगातार दबाव बनाने के बाद भी मास्टर रुद्रनारायण ने कुछ नहीं बताया. वह एक अच्छे फोटोग्राफर भी थे. चंद्रशेखर आजाद की एक मात्र फोटो उन्होंने ही खींची थी. उन्होंने इस फोटो को आजाद भारत में ही जारी किया.

बनाई थी लक्ष्मीबाई की पहली मूर्ति
गौरव सक्सेना बताते हैं कि मास्टर रुद्रनारायण एक अच्छे मूर्तिकार भी थे. दुनिया में बनी रानी लक्ष्मीबाई की पहली मूर्ति भी उन्होंने बनाई थी. 1935 में लक्ष्मी व्यायाम मंदिर में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति बनाई गई थी. अंग्रेजों के विरोध के बाद भी उन्होंने इस मूर्ति को स्थापित करवाया. चंद्रशेखर आजाद की मृत्यु के बाद उनकी मां जगरानी देवी का ख्याल भी मास्टर रुद्रनारायण ने ही रखा था

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