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बेनजीर की हत्या के फैसले से जरदारी संतुष्ट नहीं, ऊंची अदालत में अपील करेंगे

कराची

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी अपनी बेगम बेनजीर भुट्टो की हत्या के संबंध में आए अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। वह फैसले के खिलाफ ऊंची अदालत में अपील करेंगे। बेनजीर की हत्या सन 2007 में हुई थी। मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया गया है। मामले में पांच पाकिस्तानी तालिबान के आतंकियों को दोषमुक्त करार दिया गया है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की प्रमुख व दो बार प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर की हत्या चुनाव प्रचार अभियान के दौरान बम विस्फोट से कर दी गई थी। उस दौरान फायरिंग भी गई थी। वारदात में बेनजीर के अलावा 20 अन्य लोग भी मारे गए थे। वारदात रावलपिंडी के लियाकत बाग इलाके में हुई थी। मामले पर फैसला देते हुए आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) ने सुबूतों के अभाव में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पांच संदिग्धों को दोषमुक्त करार दिया।

मामले में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17-17 साल कैद की सजा दी गई है और मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया गया है। संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट के बाद मुशर्रफ को मामले में आरोपी बनाया गया। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बेनजीर भुट्टो की सुरक्षा की बार-बार गुहार के बावजूद तत्कालीन सैन्य प्रशासक मुशर्रफ ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। जिस स्थान पर बेनजीर पर हमला हुआ, वहां भी सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं थे।

सिंध प्रांत के नवाब शाह में ईद की नमाज के बाद मीडिया से बातचीत में जरदारी ने कहा कि फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं और ऊंची अदालत में अपील करेंगे। गुरुवार को कोर्ट के फैसले के बाद बेनजीर की बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी ने भी ट्वीट किया था- जब तक परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार कर दंडित नहीं किया जाता, तब तक न्याय मिला नहीं माना जाएगा। बेनजीर की पार्टी ने भी फैसले से नाइत्तेफाकी जाहिर की है।

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