रतन गुप्ता उप संपादक
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के जंगल से सटे
आबादी के समीप आए तेंदुए ने बकरी को मार डाला, दहशत
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के जंगल से सटे रामचंद्रही गांव के लेदी टोला के समीप मंगलवार को अपराह्न एक तेंदुआ भटककर चला आया। इस दौरान गन्ना के खेत के समीप बच्चे बकरी चरा रहे थे। इन्हीं बकरियों में से माधुरी देवी की बकरी को तेंदुए ने मार डाला। बच्चों के शोर करने पर ग्रामीण भी जुट गए और लाठी डंडा लेकर शोर मचाने लगे, तब जाकर तेंदुआ गन्ना के खेत के आगे झाड़ियों की तरफ चला आया। आए दिन जंगल से भटककर तेंदुआ इन गांवों के समीप चला आता है। इससे ग्रामीण भयभीत हैं, हालांकि वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को हिंसक जानवरों से सचेत रहने के लिए जागरूक करते रहते हैं, फिर भी ग्रामीणों को अपने मवेशियों को खेत की तरफ ले जाने की जरूरत पड़ती ही रहती है। ऐसे में हिंसक जानवरों से बचाव करना इनके लिए गंभीर समस्या बनी हुई है।
निचलौल रेंज के ग्राम रामचंद्रही गांव के लेदी टोला के कुछ बच्चे बकरियों को लेकर चराने गए हुए थे। गांव के समीप एक व्यक्ति के गन्ने के खेत में बकरियां चर रही थी। इस बीच अचानक एक तेंदुआ गन्ना के खेत से निकला और इन बकरियों में से एक को अपने पंजे में दबोच लिया। वह बकरी का शिकार करना चाह रहा था कि बच्चे शोर मचाने लगे। बच्चों के शोर की आवाज सुनकर ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। ग्रामीणों ने शोर शराबा किया तो गन्ने के खेत से निकलकर नाला के रास्ते झाड़ियों में चला गया।
इन गांवों में महिला, बच्चों और मवेशियों को हिंसक जानवरों से बचाना बड़ी चुनौती
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज के जंगल से आए दिन तेंदुआ भटककर आबादी की तरफ रूख कर लेता है। ऐसे में कहीं कुत्ते तो कहीं बकरियों का शिकार करना आम बात हो गई है। वहीं जंगल से सटे गांवों की महिला और बच्चों की सुरक्षा करना भी गंभीर मामला है। अभी एक सप्ताह पहले माधवलिया रेंज के जंगल से निकलकर सुकरहर गांव में चला आया और एक महिला पर हमला कर जख्मी कर दिया। इसके पहले निचलौल सिसवा मार्ग सटे रायपुर गांव के समीप दो सप्ताह तक तेंदुआ की मौजूदगी बनी रही और तेंदुए ने गांव के कई दर्जन कुत्तों और बकरियों का शिकार कर लिया। रात में तेंदुआ गांव में आता और शिकार कर चला जाता, ग्रामीणों को इसकी जानकारी अगले सुबह मिलती। इतना ही नहीं निचलौल रेंज के बड़हरा चरगहां, बड़हरी, बीसोखोर, बजही, बजहा उर्फ अहिरौली, गुरली रमगढ़वा आदि गांवों में आए दिन तेंदुए के आने की सूचना मिलती रहती है। ऐसे में ग्रामीण भयभीत रहते हैं।
जंगल से सटे गांवों में तेंदुए के आने की सूचना मिलती रहती है। इन गांवों के लोगों को हिंसक जानवरों से बचने के लिए अक्सर जागरूक किया जाता है। ग्रामीण अपने खेत की तरफ जाएं तो झुंड में जाएं। हिंसक जानवरों के आने पर इसकी सूचना वन विभाग को अवश्य दें।