रतन गुप्ता उप संपादक
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप की जीत से भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है. पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी के साथ-साथ भारत की आम जनता भी ट्रंप को बधाई दे रही है
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर लोग खोज रहे हैं भारतीय नेताओं को.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर लोग खोज रहे हैं भारतीय नेताओं को.
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डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप जब पहली बार राष्ट्रपति बने थे तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी केमिस्ट्री की भारत में खूब चर्चा होती थी. खासकर, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी और तेजस्वी यादव जैसे नेता खूब तंज कसते थे. लेकिन, जैसे ट्रंप की जीत हुई ये सारे नेता गायब हो गए हैं. एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप यूएस के राष्ट्रपति बनने वाले हैं. ऐसे में भारत में इन नेताओं की आगे की क्या होगी रणनीति?
आपको बता दें कि पीएम मोदी सहित कई भारतीय नेताओं ने ट्रंप को जीत की बधाई दिया है. ऐसे में सोशल मीडिया पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी को लोग खोजने लगे. बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के पक्षधर रहे हैं.
ट्रंप की जीत से भारतीय क्यों गदगद?
आपको बता दें कि पूरा देश जानता है कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की अच्छी बनती है. खासकर ट्रंप के पहले कार्यकाल में जब भी मोदी और ट्रंप की मुलाकात होती थी तो राहुल गांधी चुटकी लेते थे. राहुल गांधी डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां के आलोचक रहे हैं. लेकिन, ओवैसी, अखिलेश और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं को ट्रंप की जीत से अब मायुसी हाथ लग सकती है. कहा तो ये जा रहा है उपचुनाव में भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. भारतीय हिंदू जहां ट्रंप की जीत से खुश नजर आ रहे हैं तो वहीं, मुस्लिम और मुस्लिमों की राजनीति करने वाली पार्टियों को गहरा सदमा लगा है.
भारतीय नेताओं की ट्रंप को लेकर क्या सोच है?
ट्रंप ने बहुमत का जादुई आंकड़ा 270 को पार कर लिया है. अब तक उन्हें 277 इलेक्टोरल वोट मिल चुके हैं. वहीं, डेमोक्रेट कैंडिडेट कमला हैरिस जो चुनाव पूर्व सर्वे में बराबर टक्कर दे रही थी. वह 4 प्रतिशत कम वोट मिलने के बाद मुकाबले में कहीं नहीं टिकी. हैरिस को 214 इलेक्टोरल वोट मिले हैं. ट्रंप ने इस एतिहासिक जीत के बाद अमेरिकन को संबोधित करते हुए कहा, मैं हर दिन और आखिरी सांस तक आपके और आपके बच्चों के लिए काम करता रहूंगा.’ ट्रंप ने आगे कहा, ‘यह अमेरिका का स्वर्णकाल है. हम सब मिलकर अमेरिका को एक बार फिर से महान बनाएंगे.’
क्या भारत में हिंदू-मुस्लिम की बात अब नहीं करेंगे नेता?
बता दें कि जहां डोनाल्ड ट्रंप जीतने के बाद अमेरिका को महान बनाने की बात कर रहे हैं. वहीं, भारत में कुछ ऐसे भी दल हैं, जो हर समय तोड़ने और बांटने की राजनीति करते हैं. वोट बैंक के खातिर ये दल देश की प्रतिष्ठा को भी दांव पर लगा देते हैं. देश में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर कुछ दल सत्ता पाते हैं और फिर विशेष धर्म की बात करना शुरू कर देते हैं.
अमेरिकी चुनाव में भारतीय अमेरिकी मतदाताओं ने दिखा दिया है कि वह वाकई में ट्रंप के हाथ अमेरिका सुरक्षित है. कमला हैरिस के भरतीय होने के बाद भी भारतीय मतदाता रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप को वोट किया है. अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में रहने वाले बेगूसराय के शेखरम कहते हैं, यहां अमूमन भारतीय डेमोक्रेट को ही वोट करते हैं. लेकिन, इस बार मामला पलट गया है. डेमोक्रेट का अमेरिका में मतलब है कांग्रेस और रिपब्लिकन को लोग बीजेपी मानते हैं. ऐसे में इस बार अमेरिका की नागरिकता हासिल करने वाले 40 प्रतिशत भारतीय रिपब्लिकन को वोट किए हैं. पहले लगभग 90 प्रतिशत वोट डेमोक्रेट को जाता था. लेकिन, ट्रंप ने बाजी इस बार पलट दिया