रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल की विदेश मंत्री डाॅ. आरजू राणा देउबा ने बीआरआई समझौते को लेकर हो रही आलोचना को बचकानी टिप्पणी करार दिया.
जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) की सुनवाई में भाग लेने के लिए हेग रवाना होते समय विदेश मंत्री राणा ने समाचार एजेंसी नेपाल से बात करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने दावा किया कि बीआरआई समझौते में ऋण लेने या देने के बारे में कोई निर्णय नहीं था और शिकायत की कि समझौते को समझे बिना टिप्पणियां की गईं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कहना बचकाना है कि ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे क्योंकि ऋण लेने/देने का व्यवहार प्राप्तकर्ता पक्ष की सहमति और अनुरोध से किया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल ने बीआरआई को छोड़कर चीन के साथ किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
उन्होंने कहा कि नेपाल केवल चीन द्वारा आगे बढ़ायी गयी विकास पहलों में रुचि रखता है और उन्होंने कहा कि बीआरआई समझौता स्वयं विकास सहायता है। मंत्री राणा का कहना है कि नेपाल ने केवल चीन की वैश्विक विकास पहल में भाग लिया है।
बीआरआई फ्रेमवर्क समझौते पर तब हस्ताक्षर किए गए जब प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली 17 नवंबर से चीन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे।