*रतन गुप्ता उप संपादक*
हिन्दी केन्द्रीय विभाग त्रिभुवन विश्वविद्यालय के निमत्रंण पर भारतीय शिक्षा, संस्कृति और हिन्दी भाषा के सुप्रसिद्ध विद्वान नवीनचन्द्र लाेहनी नेपाल यात्रा पर हैं । आपने 6 दिसम्बर काे हिन्दी केन्द्रीय विभाग में वैश्विक स्तर पर हिन्दी की स्थिति एवं विभाग चुनाैतियाें पर परिचर्चा की । इसी संदर्भ में नेपाल में हिन्दी की अवस्था का भी आपने परिज्ञान लिया । नेपाल से प्रकाशित हाेने वाली हिन्दी पत्रिका हिमालिनी के कार्यालय में भी आपने अपनी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई ।
श्री नवीन चन्द्र लोहनी मूलतः उत्तराखण्ड भारत के जनपद बागेश्वर से हैं। वर्तमान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में हिंदी और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के अध्यक्ष हैं। पूर्व में अधिष्ठाता कला संकाय, निदेशक समन्वयक मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, समन्वयक आईक्यूएसी, कुलसचिव पदों पर कार्य किया है।
आपने अनेक महत्वपूर्ण शिक्षण, सांस्कृतिक, साहित्यिक संस्थाओं के साथ-साथ हाल ही में आपको, अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान तथा उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा शब्द शिल्पी सम्मान से अलंकृत किया गया है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा शंघाई अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय (सिसु, SISU) चीन में आईसीसीआर चेयर और स्विट्जरलैंड के लौजान विश्वविद्यालय में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर चेयर पर विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया । चीन में “हिंदी इन चाईना” नामक समूह बनाकर और चीन में पहली हिंदी पत्रिका “समन्वय हिंची” प्रकाशन कार्य किया,जो चीन में और भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हुईं।
सिसु द्वारा प्रकाशित हिंदी-चीनी-अंग्रेजी शब्दकोश संपादन मंडल के सदस्य हैं। चीन तथा स्विट्जरलैंड में भी उन्होंने इन माध्यमों का प्रयोग भारतीय शिक्षा, संस्कृति और भाषा प्रचार में किया है। प्रो• लोहनी के निर्देशन में 26 विद्यार्थियों ने पीएच.डी. उपाधि प्राप्त की है और 99 से अधिक विद्यार्थी एम. फिल. उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलनों में न्यूयॉर्क, जोहान्सवर्ग, भोपाल तथा मारीशस, फिजी में प्रतिभागी रहे हैं तथा ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड, हंगरी, स्पेन, अमेरिका ,चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित विश्व के अनेक देशों में संगोष्ठी, कार्यशालाओं में प्रतिभागिता कर चुके हैं। बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया सहित कई देशों की यात्राएं भी कर चुके हैं ।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय के साहित्य के आधिकारिक वक्ता हैं। रेडियो, टेलीविज़न और मुद्रित सोशल मीडिया,जनसंचार माध्यमों में भी लंबे समय से निरंतर सक्रिय हैं। प्रो. लोहनी द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में प्रवासी साहित्य पाठ्यक्रम के रूप में 2009-10 से प्रारंभ किया गया। प्रो. लोहनी द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में कौरवी लोक साहित्य पाठ्यक्रम के रूप में 2008-09 से प्रारंभ किया गया। अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी प्रचार के लिए सक्रिय हैं। प्रोफेसर लोहनी के 80 से अधिक शोध पत्र तथा 12 पुस्तकें प्रकाशित हैं । व्यंग्य, कहानी लेखन एवं समीक्षात्मक लेखन में महत्वपूर्ण कार्य है