सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह उन सांसदों के आय के स्रोत के सत्यापन के लिए उठाए गए कदमों के विवरण पेश करे, जिनकी संपत्तियां एक बार चुनाव जीतने के बाद ही कई गुना बढ़ गई हैं। न्यायमूर्ति जे.चेलमेश्वर व न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर ने कर अधिकारियों द्वारा इन मामलों की जांच के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। इसके पहले वरिष्ठ वकील के. राधाकृष्णन ने अदालत से कहा कि जिन मामलों में संपत्तियों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, हम उनकी जांच कर रहे हैं।
वरिष्ठ वकील ने कहा, “हम कार्रवाई में विश्वास करते हैं।” इस पर खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील से कहा, “यदि आप कहते हैं कि आपने एक, दो, तीन मामलों की जांच कर रहे हैं, तो यह आपकी नेकनियती को स्थापित करेगा कि आप सुधारों के पक्ष में हैं।” पीठ ने कहा कि वे सिर्फ मूल जानकारी के बारे में कह रहे हैं। पीठ ने कहा, “यदि सरकार सुधारों के खिलाफ नहीं है, तो आवश्यक जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।” अदालत ने यह सवाल एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) द्वारा चार सांसदों की संपत्तियों में 1,200 फीसदी या इससे ज्यादा व 22 अन्य सांसदों की संपत्तियों में 500 फीसदी की वृद्धि दर्ज किए जाने का उदाहरण दिए जाने पर उठाया है।
एडीआर ने एक विधायक का उदाहरण दिया, जिसकी संपत्ति में 2,100 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। असम के एक विधायक की संपत्ति में 500 फीसदी की वृद्धि व केरल के एक विधायक की संपत्ति में 2011 के विधानसभा चुनाव के बाद से 1,700 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार की तरफ से पेश राधाकृष्णन ने कहा कि राष्ट्र की सफाई करना सिर्फ कूड़ा हटाना नहीं है, बल्कि प्रणाली को भी खुद में साफ करना है। हर कोई सामूहिक रूप से अच्छा जीवन चाहता है। अदालत एक एनजीओ लोकप्रहरी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उम्मीदवारों के आय के स्रोत के खुलासे की मांग की गई है। अदालत मामले पर अगली सुनवाई 12 सितंबर को करेगी।