रतन गुप्ता उप संपादक
भारत नेपाल बार्डर के सीमावर्तीय क्षेत्र नौतनवा के एक गोदाम से विगत दिनों कस्टम ने चंदन की लकड़ी बरामद किया था । चंदन तस्करों का मोमेंट शुरु है तस्कर चंदन लकड़ी को नेपाल भेजने में लगे हुवे और डेरा डाल रखे हैं । कौन सा रास्ता कमजोर है लाईन लेन्थ मिला रहे हैं ।आप को बता दें की विगत दिनों सोनौली बॉर्डर पर कस्टम विभाग ने एक ट्रक से लगभग ढाई करोड़ रुपये की चंदन की लकड़ी बरामद कीथी यह लकड़ी दक्षिण भारत से लाई गई थी और नेपाल भेजी जा रही थी। जांच में कुल ढाई टन रक्त चंदन की लकड़ी मिली, जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ रुपये है। मामले की जांच जारी है।
भारत-नेपाल सीमा से सटे सोनौली बॉर्डर पर कस्टम विभाग को को बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी कस्टम विभाग ने एक ट्रक से भारी मात्रा में चंदन की लकड़ी बरामद की थी इसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ रुपये बताई जा रही है। कस्टम विभाग के डीसी ने बताया था की उनको सूचना मिली थी कि नौतनवा से नेपाल रक्त चंदन की लकड़ी ट्रक में जा रही है। इसके बाद जब ट्रक की जांच की गई, तो उसमें रक्त चंदन की लकड़ी बरामद हुई। इसके बाद एक गोदाम में भी छापेमारी की गई, जहां से भारी मात्रा में रक्त चंदन की लकड़ी बरामद हुई। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में पाया जाने वाला रक्त चंदन, चीन पहुंचते ही कई गुना महंगा हो जाता है।
उन्होंने बताया था कि ढाई टन चंदन की लकड़ी बरामद हुई है। इसकी कीमत लगभग ढाई करोड़ रुपये है। इस मामले की जांच की जा रही है कि लकड़ी आई कहां से थी और इसके पीछे कौन सा रैकेट काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सूचना के आधार पर जब कस्टम विभाग की टीम ने एक नेपाली नंबर के कंटेनर को नेपाल में प्रवेश करने के पहले बॉर्डर पर रोका और उसकी तलाशी ली, तो कंटेनर में बनी कैविटी से डेढ़ टन और संबंधित गोदाम से एक टन लाल चंदन बरामद किया गया।
बता दें कि तस्करों ने चंदन की लकड़ी को पुष्पा फिल्म के अंदाज में कई राज्यों को पार करते हुए सोनौली बॉर्डर तक पहुंचा दिया था। इन दिनों लाल चंदन की का केन्द्र नौतनवा बनाया गया यहां से नेपाल जाने वाले कई रास्ते हैं । लाल चंदन की लकड़ी को कैसे नेपाल भेजा जाये बड़े तस्कर लाईन लेन्थ मिलाने में लगे हैं ।