भारत सरकार कितना जुल्म करें, NIA के छापों से डरने वाले नहीं: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू

टेरर फंडिंग को लेकर एनआईए के हालिया छापे पर नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। अब्दुल्ला ने कहा कि वह तब एनआईए छापे को मानेंगे जब इसमें से कुछ निकलेगा। अगर यह सिर्फ इनको (जिनके यहां छापे पड़े) को झुकाने और डराने के लिए हैं, तो यह बिल्कुल गलत है।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं एनआईए और भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि वो कितना जुल्म करेंगे, यहां कोई अपना ईमान बेचने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह अलगाववादी नेताओं को अकेला छोड़ दे।’ इस बीच बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा ने एनआईए की कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता के सामने अलगाववादी नेताओं की पोल खुल चुकी है। प्रदेश में अब फारूक अब्दुल्ला विश्वसनीयता नहीं रह गई है। दरअसल, एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली और कश्मीर में कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। एजेंसी ने गुरुवार को अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता आगा हसन के बडगाम स्थित घर पर छापा मारा था। बुधवार को एजेंसी ने टेरर फंडिंग मामले में कथित तौर पर शामिल कारोबारियों के श्रीनगर के 11 और दिल्ली में 5 ठिकानों पर छापे मारे थे।

एनआईए के अधिकारियों ने संदिग्ध स्थानों पर तलाशी अभियान भी चलाया था। यह छापेमारी उस समय की गई थी जब एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक फोटो पत्रकार शामिल है जो पथराव करने और सोशल मीडिया के जरिए सुरक्षा बलों के खिलाफ समर्थन जुटाने में कथित तौर पर संलिप्त था। कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने के लिए आतंकवाद और विध्वंसकारी गतिविधियों को कथित तौर पर फंडिंग के मामले में एनआईए पहले ही सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इन लोगों के खिलाफ हवाला समेत अवैध माध्यमों के जरिए फंडिंग केस हैं। इसमें पथराव, स्कूल जलाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़कर घाटी में शांति भंग करने के मामले हैं।

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