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भारत नेपाल बार्डर पर घुसपैठ करते हुए नीदरलैड का विदेशी नागरिक को एसएसबी ने दबोचा

रतन गुप्ता उप संपादक 

महराजगंज में एसएसबी के जवानों ने एक विदेशी नागरिक को भारत-नेपाल सीमा पर साइकिल चलाते हुए गिरफ्तार किया। उसकी पहचान नीदरलैंड के पालस जोहान्स थियोडोरस के रूप में हुई। सुरक्षा एजेंसियां उसकी घुसपैठ के… इंडो-नेपाल सीमा से घुसपैठ करते हुए एक विदेशी नागरिक को एसएसबी के जवानों ने उस वक्त दबोच लिया, जब वह साइकिल से भारत सीमा की सुंडी बीओपी क्षेत्र में दाखिल हो चुका था। विदेशी नागरिक के पास से बरामद नीदरलैंड के पासपोर्ट से उसकी पहचान पालस जोहान्स थियोडोरस के रूप में हुई है। सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां पकड़े गए विदेशी नागरिक से पूछताछ में जुट गई हैं। एसएसबी 66 वीं वाहिनी के बीओपी सुंडी के जवान गुरुवार को सीमा पर गश्त कर रहे थे। इसी दौरान एक 60 वर्षीय व्यक्ति संदिग्ध हालत में साइकिल से भारत की सीमा में आता हुआ दिखाई दिया। जवानों ने रोक कर उससे पूछताछ करनी शुरू की तो उसके बातचीत की शैली से ही पकड़ में आ गया कि वह किसी तीसरे देश का नागरिक है। एसएसबी के जवानों ने तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचित कर विदेशी नागरिक को हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने के लिए बीओपी मुख्यालय लेकर पहुंच गए। सूचना पर सुरक्षा एजेंसियों की टीम मौके पर पहुंच गई और पूछताछ में जुट गई।

सुरक्षा एजेंसियां हैरान, कैसे बेधड़क साइकिल से कर लिया घुसपैठ

सरहद की सुरक्षा में तैनात एजेंसियां इस बात से हैरान है कि आखिर तीसरे देश का व्यक्ति बेधड़क साइकिल से पगडंडी रास्तों से होकर भारत की सीमा में कैसे दाखिल हो रहा था? सुरक्षा एजेंसियां इस बात को भी खंगालने में जुट गई है कि भारत-नेपाल की खुली सीमा का फायदा अवांछनीय तत्व तो नहीं उठा रहे हैं। जिस अंदाज में वह घुसपैठ कर रहा था, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि रास्तों से वह वाकिफ था। यह भी है कि बेखौफ होकर गांव के रास्ते नेपाल और भारत में प्रवेश करने वाला विदेशी नागरिक बिना स्थानीय स्तर के सहयोग से ऐसा नहीं कर सकता।

भारत-नेपाल सीमा के पिलर संख्या 526 के पास जवान गस्त करते पहुंचे ही थे कि कुछ दूरी पर एक विदेशी नागरिक साइकिल चलाते हुए भारत की सीमा में प्रवेश करता दिखा। पूछताछ के दौरान उसके पास से बरामद पासपोर्ट से उसकी पहचान नीदरलैंड के नागरिक के रूप में हुई है। नेपाल का टूरिस्ट वीजा पाया गया है। वह भारत की सीमा में क्यों और किन की मदद से दाखिल हो रहा था? इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है।

अभिनव कुमार सिंह, डिप्टी कमांडेंट एसएसबी 66वीं वाहिनी

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