मुलायम सिंह ने भगवान कृष्ण को भगवान राम के मुकाबले अधिक पूजनीय बताया

गाजियाबाद
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राम मंदिर आंदोलन को कमजोर करने के लिए समाजवादी पार्टी ने भगवान कृष्ण को आगे किया है। बेटे अखिलेश यादव की ओर से सैफई में भगवान कृष्ण की 50 फुट ऊंची प्रतिमा लगवाने के बाद अब मुलायम सिंह ने कृष्ण को पूरे देश का आराध्य बताया है। यही नहीं उन्होंने कृष्ण को राम के मुकाबले अधिक पूजनीय बताया। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि राम हमारे आदर्श हैं, लेकिन यह स्वीकार करना पड़ेगा कि श्रीकृष्ण ने समाज के हर तबके को समान माना और यही कारण है कि कृष्ण को पूरा देश समान रूप से पूजता है, जबकि राम सिर्फ उत्तर भारत में पूजे जाते हैं।
गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर-4 में एक वैवाहिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में शासन कर रही बीजेपी विकास नहीं, सिर्फ धर्म की राजनीति कर रही है। अयोध्या का राम मंदिर, दीपोत्सव और बनारस में आरती जैसे कार्यक्रम कराकर हिंदुओं को एकजुट किया जा रहा है। एसपी सरकार में किसानों ने तरक्की की और उनके लिए तमाम योजनाएं चलाई गईं। एसपी सरकार ने जो काम किए उसका एक हिस्सा भी बीजेपी पूरी तरह से शासन में आने के बाद नहीं कर पाई है।
राम और कृष्ण को लेकर मुलायम ने कहा, ‘यादव समाज श्रीकृष्ण का वंशज है और कृष्ण की तरह सभी को समान मानता है। श्रीकृष्ण ने समाज के हर तबके को समान माना और यही कारण है कि कृष्ण को पूरा देश समान रूप से पूजता है, जबकि राम सिर्फ उत्तर भारत में पूजे जाते हैं। यही नहीं हिंदुस्तान के बाहर भी कृष्ण का नाम है।’ उन्होंने लोगों से अपील की कि यादव समाज के कार्यक्रमों में सिर्फ यादवों का सम्मान नहीं, बल्कि हर तबके का सम्मान किया जाए।
सैफई में भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है और अखिलेश यादव वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लालू यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में इसका अनावरण करेंगे। पिछले छह महीने से बेहद गोपनीय तरीके से बनाई जा रही इस मूर्ति को योजनाबद्ध तरीके से बनाया जा रहा है। इसके लिए पैसा सैफई महोत्सव आयोजित करने वाली सैफई महोत्सव कमिटी ने दिया है। इसके अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हैं और अखिलेश यादव सदस्य हैं।
निकाय चुनाव से पूर्व समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव रविवार को गाजियाबाद पहुंचे। मुलायम सिंह ने काफी देर तक मंच पर रहने के बावजूद एक बार भी निकाय चुनाव में सपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील नहीं की। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि विधानसभा चुनाव के दौरान सपा नेताओं के बीच पैदा हुई दरार अब तक भरी नहीं है। मुलायम के इस मौन पर शहर में यह भी चर्चा रही कि चुप रहकर उन्होंने पार्टी नेताओं को कठोर संदेश दिया है। इतना ही नहीं, मंच पर मेयर प्रत्याशी को भी नहीं बुलाया गया और न ही पार्षद पद का कोई प्रत्याशी यहां नजर आया। यादव के चंद रिश्तेदार ही मंच और आसपास दिखाई दिए।

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