नई दिल्ली। कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोदी के आज दिए भाषण पर प्रतिक्रिया देेते हुए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, एनडीए और भाजपा का मानना है कि भारत का इतिहास 26 मई, 2014 को शुरु होता है। 26 मई, 2014 से पहले न तो भारत में कोई विकास हुआ, न भारत की कोई उपलब्धि रही और न हीं भारत मे किसी तरह की तरक्की हुई। इस मुल्क में जो हुआ, वो पिछले 55 महीनों में हुआ और शायद इससे बड़ा भ्रम, इससे बड़ी मिथ्या, इससे बड़ा असत्य और कोई हो ही नहीं सकता।
आज 55 महीने के बाद प्रधानमंत्री जी ने ‘सबका साथ- सबके विकास’ का जिक्र किया। 55 महीने के बाद शायद पहली बार देश को‘सबका साथ-सबका विकास’, ये जुमला दोबारा सुनने का मौका मिला पर उन्होंने अच्छे दिन का जिक्र नहीं किया। अब आप पूछेंगे कि अच्छे दिन का जिक्र क्यों नहीं किया? वो ऐसा हो जाता, जैसे जले के ऊपर नमक छिड़कना। पिछले 55 महीने का जो सत्य है और प्रधानमंत्री जी से ये उम्मीद थी कि इन विषयों के ऊपर वो बात करेंगे, पर प्रधानमंत्री जी की तरफ से एक शब्द सुनाई नहीं दिया।
हम उनसे चंद सवाल पूछना चाहते हैं कि पिछले 70 वर्ष में किसी सरकार ने 124 करोड़ भारतीयों को एक साथ प्रताड़ित किया है। नोटबंदी और नोटबदली के जरिए देश की जनता को प्रताड़ित किया। दूसरा सवाल, अगर आप लोगों को याद हो, शायद 70 वर्ष में पहली बार इस देश में ऐसा हुआ कि जनता के ऊपर कर लगाने को भी एक उत्सव की तरह मनाया गया, जिस दिन जीएसटी (GST) लागू किया गया था।
तो प्रधानमंत्री जी अगर ये जीएसटी (GST) जिसे हम गब्बर सिंह टैक्स कहते हैं, आपकी सरकार की इतनी बड़ी उपलब्धि थी, तो उस जीएसटी का जिक्र एक बार भी आपने अपने वक्तव्य में क्यों नहीं किया? तीसरी बात, प्रधानमंत्री जी, आपने दो करोड़ नौकरियों का वायदा किया था हर वर्ष, 55 महीनों में 10 करोड़ नौकरियाँ बनती हैं, पिछले 1 वर्ष में 1 करोड़ से अधिक नौकरियाँ चली गईं, महिलाएं, युवा बेरोजगार हो गए, उन 10 करोड़ नौकरियों के वायदे का जिक्र आपके भाषण में एक बार भी क्यों नहीं हुआ?
आपने भारत के किसानों की बात की, आपने भारत के किसानों के दर्द की बात की, तो प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि अगर आपकी सरकार किसानों के प्रति इतनी संवेदनशील थी, तो दक्षिण से लेकर उत्तर तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक हर प्रदेश में आज भी किसान आंदोलन क्यों चल रहे हैं? किसान सड़क पर क्यों है? किसान को उसकी फसल का मूल्य क्यों नहीं मिल रहा? क्यों किसान अपनी फसल बेचकर उसकी, जो राशि मिलती है, उसके चेक प्रधानमंत्री कार्यालय में क्यों भेज रहे हैं? इन सवालों का जवाब देश की जनता प्रधानमंत्री जी से सुनना चाहती है।
अब आप आंतरिक सुरक्षा को ले लीजिए, देश की रक्षा मंत्री ने उस मंच से एक बहुत ही विचित्र वक्तव्य दिया कि पिछले 55 महीनों में भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला हुआ ही नहीं। तो प्रधानमंत्री जी से मैं ये पूछना चाहता हूँ, अगर भारत में पिछले 55 महीनों में कोई बड़ा आतंकी हमला हुआ ही नहीं तो फिर आपको सर्जीकल स्ट्राइक करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई? क्या उरी का हमला जिसमें भारत के जवान शहीद हो गए, क्या बड़ा आतंकी हमला नहीं था?
क्या गुरदासपुर, पठानकोट का हमला, जो भारत के हवाई ठिकाने पर हमला किया गया, क्या वो बड़े आतंकी हमले नहीं थे? दूसरा सवाल हम आपसे पूछना चाहते हैं कि कश्मीर की जो हालत हुई है, जम्मू-कश्मीर की जो हालत हुई है, प्रधानमंत्री जी, उसके लिए कौन जिम्मेवार है? शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्र सरकार पिछले दो वर्ष से अनंतनाग का, लोकसभा का उप चुनाव नहीं करवा पाई और जो उप चुनाव हुआ भी था, उस उप चुनाव में, जो वोटिंग प्रतिशत था, जो 2014 में जो 64 प्रतिशत थी, वो गिरकर 4 प्रतिशत रह गई, इसके लिए जिम्मेदार कौन है?