नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के अध्य़क्ष के. सिवान ने साल 2019 की योजनाओं के बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि’ गगनयान’ के लिए प्रबंधन और स्पेसफ्लाइट सेंटर बनाया जा चुका है। पहला मानवरहित मिशन दिसंबर 2020 तक, दूसरा जुलाई 2021 और रियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस साल छात्रों से कनेक्ट करने की इसरो की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि इसरो एक महीने का यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम चलाएगा, जिसके तहत हर राज्य से तीन स्टूडेंट्स को सिलेक्ट किया जाएगा।
इससे पहले सिवान ने कहा था कि गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री लो अर्थ ऑर्बिट (धरती से 300-400 किमी दूर) में 5 से 7 दिन बिताएंगे। इसके बाद गुजरात के अरब सागर में क्रू मेंबर और मॉड्यूल वापस आ जाएंगे। पीएम मोदी की ओर से तय की गई 2022 की डेडलाइन में ही इसरो की ओर से गगनयान को लॉन्च किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस साल इसरो (इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन) की कोशिश देश के नॉन-साइंस क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने और स्टूडेंट्स के साथ जुड़ने की होगी। उन्होंने इसरो की प्राथमिकताएं गिनाते हुए बताया कि पांच योजनाओं में सबसे पहले ‘गगनयान’ मिशन, उसके बाद स्टूडेंट्स के साथ कनेक्शन, आउटरीच प्रोग्राम, इस साल के प्लान्ड मिशन और विक्रम साराभाई सेंटेनरी सेलेब्रेशन आते हैं।
उन्हें रीसर्च और डिवेलपमेंट लैब्स में ले जाकर सैटलाइट बनाने का प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस दिया जाएगा। स्टूडेंट्स के साथ साल की शुरुआत में ‘संवाद’ कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स की जिज्ञासा देखकर इसरो ने प्रस्ताव दिया है कि चेयरमैन जहां भी जाएंगे, वहां स्टूडेंट्स से बात करेंगे। इसके अलावा त्रिपुरा में इन्क्यूबेशन सेंटर बनाया गया है और ऐसे ही चार और सेंटर्स त्रिचि, नागपुर और राउरकेला में भी बनाए जाएंगे।