लखनऊ। शुक्रवार को राजधानी के धरनास्थल ईको गार्डन में पूर्व सूचना के अनुसार हजारों शिक्षामित्रों ने घेरा डालो-डेरा डालों आंदोलन के तहत परिवार सहित घेराव कर दिया है। इन आंदोलनरत शिक्षामित्रों में वे लोग भी शामिल हैं जैसे जिन ब्राह्मण शिक्षामित्रों ने जनेऊ और सुहागिन शिक्षामित्रों ने केश का परित्याग किया था। हजारों की संख्या में ईको गार्डन में उमडे शिक्षामित्रों ने मोदी-योगी हाय हाय के नारे लगाते हुए सम्मान वापसी तक डटे रहने की शपथ ली। आम शिक्षक,शिक्षामित्र एसोसिएशन की अध्यक्ष उमा देवी ने बताया कि 20 अगस्त को उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन हुआ था लेकिन धरना प्रदर्शन के 247 दिन बीतने के बाद भी मोदी-योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की कोई सुधि नहीं ली तो शिक्षामित्रों को मजबूर हो कर परिवार सहित अनवरत धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होना पडा हैं।केवल अनुसूची-9 की मांग करते हुए उमा देवी ने कहा कि जब तक सरकार हमारी इकलौती मांग पूरी नहीं करती तब तक हजारों शिक्षामित्र इसी प्रकार से घेरा डालों-डेरा डालों की तर्ज पर ईको गार्डन में जमा रहेगा। सरकार द्वारा मांग ना मानें जाने के सवाल का जवाब देते हुए अध्यक्ष उमा ने कहा कि शिक्षामित्रों बुरी तरह से आक्रोशित हैं इसलिए इसका कोई ठिकाना नहीं कि यह आंदोलन किस दिशा में जाएगा, विधानसभा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास का घेराव, लखनऊ में चक्का जाम जैसे कोई भी कदम शिक्षामित्र मजबूरन उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक हजार लाशें उठ जाने के बाद भी सरकार नहीं चेत रही हैं जबकि बीजेपी के घोषणापत्र में शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया गया था और साथ ही वाराणसी से स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने की बात कही थी।