मुंबई
निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक एचडीएफसी बैंक के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने बैंक के 74 लाख से अधिक शेयर गत सप्ताह 842.87 करोड़ रुपये में बेच दिये हैं। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक शेयरों की बिक्री 21-23 जुलाई के बीच की गई और इसके बाद पुरी की एचडीएफसी बैंक में हिस्सेदारी 0.14 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.01 प्रतिशत रह गई है। यह बिक्री पुरी के बैंक से सेवानिवृत्त होने के कुछ महीनों पहले की गई। पुरी का कार्यकाल अक्टूबर में खत्म होने वाला है। उनके कार्यकाल में एचडीएफसी बैंक संपत्ति के लिहाज से निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा और सभी बैंकों में दूसरा बड़ा बैंक बन गया।
बैंक के 77.96 लाख शेयरों में से 74.20 लाख शेयर बेच दिये और अब पुरी के पास बैंक के 3.76 लाख शेयर बचे हैं। शेयर बाजार के सप्ताहांत कारोबारी दिवस के बंद भाव के मुताबिक बचे हुए शेयरों की कीमत 42 करोड़ रुपये है। बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया कि पुरी को ये शेयर अलग-अलग समय पर दिए गए थे और ये शेयरों के अंकित मूल्य पर उन्हें जारी नहीं किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘जितना बताया जा रहा है, पुरी द्वारा अर्जित किया गया शुद्ध मूल्य उतना नहीं है। इसमें शेयरों के अधिग्रहण की लागत और लेनदेन पर दिए गए कर को भी समायोजित करना होगा।’पुरी वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले भारतीय बैंकर के रूप में उभरे थे और उनका कुल वेतन 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 18.92 करोड़ रुपये था। उन्होंने वर्ष के दौरान 161.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई भी की। वहीं 2018- 19 में उनहोंने शेयर विकल्प का लाभ उठाते हुये 42.20 करोड़ रुपये हासिल किये।
एचडीएफसी बैंक का शेयर मूल्य कोविड-19 के दौरान 24 मार्च को 765 रुपये का निचला स्तर छूने के बाद से 46 प्रतिशत चढ़ चुका है। गत शुक्रवार को बीएसई में बैंक का शेयर मूल्य 1,118.80 रुपये प्रति शेयर रहा था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कर्मचारी शेयर स्वामित्व योजना के तहत 2019- 20 में पुरी को बैंक के 6.82 लाख शेयर दिये गये थे। उन्होंने बैंक की अनुषंगी एचडीबी फाइनेंसियल सविर्सिज में 2019- 20 के दौरान 200 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिये थे। पुरी अक्टूबर में 70 साल की आयु होने पर बैंक से सेवानिवृत हो जायेंगे। इंडसइंड बैंक के रोमेश सोब्ती के बाद वह दूसरे मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे जो इस साल सेवानिवृत होंगे।