लखनऊ। समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चै0 लौटन राम निषाद ने 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के शिलान्यास समारोह में तथा कथित रामसखा निषाद राज के वंशजों को बुलाने का प्रचार करना निषादराज के वंशज निषाद, बिन्द, कश्यप, केवट, मल्लाह, मांझी, धीवर, लोधी, किसान आदि को झूठा छलावा देने व ठगने की साजिश बताया। भाजपा ने निषादवंशजों को भ्रमित करने के लिए तथा कथित निषादराज के वंशज डाॅ0 डी0के0 कश्यप, उनकी पत्नी रीता निषाद, अनुज राजेश निषाद, शिव मोहन कश्यप एवं पीयूष कश्यप को शिल्यान्स समारोह में शामिल होने का प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस परिवार को किस आधार पर निषादराज का वंशज बता रही है। जिन्हें निषादराज का वंशज प्रचारित किया जा रहा है भाजपा के बन्धुआ मजदूर है। निषादराज के वंश से कोई ताल्लुकात नहीं है। योगी सरकार को पिछले वर्ष निषाद राज के वंश धरों का बुल्डोजर लगवाकर श्रंृगेबरपुर स्थित मकान को ध्वस्त करा दिया। अवैध कब्जा व आर0सी0 जारी कर दिया। श्री निषाद ने बताया कि जब-जब देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी निषाद समुदाय के परम्परागत पेशों को छीनने का काम किया। भाजपा निषादों को एक बार फिर झूठा छलावा देने के लिए प्रचारित कर रही है कि निषादराज के वंशज श्रृंगबेरपुर के चांदी के कलश में गंगाजल और कुश के टोकरे में पवित्र मिट्टी श्रंृगबेरपुर से अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि श्री राम-श्री निषादराज की मित्रता का हवाला देकर भाजपा ने कईबार निषादों का वोट लिया, पर निषादों को दिया क्या? जब-जब सरकार बनी तब तक निषादों के पुश्तैनी पेशों, अधिकारों को छीनने एवं इनके साथ दोयम दर्जे का ही बर्ताव किया। जय प्रकाश निषाद भाजपा से तीसरी बार विधायक बने हैं और इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है। क्या यहीं निषाद समाज का व निषाद राज के वंशजों का सम्मान है? योगी के गृह जिले में दर्जनों निषादों की भाजपा के सामन्तों द्वारा हत्या कर दी गयी परन्तु योगी ने कोई पुछार नहीं किया। श्री निषाद ने बताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का केन्द्र सरकार को प्रस्ताव किया। साथ ही अखिलेश यादव जी की सरकार ने अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र निर्गत करने के लिए अधिसूचना जारी कराये और उच्च न्यायालय ने भी प्रमाण-पत्र जारी करने का निर्णय दिया, के बावजूद भी योगी सरकार नजरअंदाज किया और नये सिरे से शासनादेश जारी कर अपने ही कार्यकर्ता से स्टे करा दिया। बाद में योगी सरकार ने सपा सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को ही निरस्त कर दिया और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री ने भी प्रस्ताव को सदैव के लिए खत्म कर निषाद समुदाय व अतिपिछड़ी जातियों के साथ धोखा किया। ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था कर बालू मौरंग खनन जैसे मछुआरों के पराम्परागत पेशांे को छीनकर बेकारी की स्थिति में पहुॅचा दिया। अखिलेश यादव की सरकार ने लोहिया आवास योजना की भांति मछुआ आवास योजना की धनराशि 3.05 लाख कर आवासों का निर्माण कराया। मुख्यमंत्री बनते ही योगी ने खत्म कर दिया। 5 अप्रैल को निषाद राज व महर्षि कश्यप की जयन्ती के लिए अखिलेश सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था तथा मत्स्य पालन को कृषि के दर्जे का शासनादेश किया था जिसे योगी सरकार ने रद्द कर दिया। मत्स्य पालन के लिए मछुआरों को मिलने वाला तालाबों का पट्टा भाजपा शासन में सामंतों को सावर्जनिक तौर पर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब निषाद राज के वंशज भाजपा के छल कपट व झूठ फरेब में आने वाले नहीं हैं।