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गांधी सेतु : मंत्री नितिन गडकरी ने 1,742 करोड़ रुपये में पुनर्निर्मित लेन का किया उद्घाटन

नई दिल्ली
बिहार में पुनर्निर्मित महात्मा गांधी सेतु को जनता के लिये एक इंजीनियरिंग चमत्कार और लाइफलाइन करार देते हुए केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार राज्य में बुनियादी संरचना को बेहतर बनाने के लिये पुलों और राजमार्गों का जाल बिछा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये कई कदम उठाये जा रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 1,742 करोड़ रुपये की लागत से 4-लेन पुल के दो पुनर्निर्मित लेन का उद्घाटन करते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, गंगा नदी पर 10,338 करोड़ रुपये की लागत वाली अन्य पुल परियोजनाएं हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को बदल देंगी। उन्होंने कहा कि हाजीपुर को पटना से जोड़ने वाला पुनर्निर्मित गांधी सेतु देश में अपनी तरह का अकेला है और इस जटिल संरचना में 66 हजार टन इस्पात का उपयोग किया गया है।
पुनर्निर्माण परियोजना के तहत मौजूदा कंक्रीट संरचना को नये स्टील डेक सुपरस्ट्रक्चर से बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुल की डिजाइनिंग आईआईटी रुड़की द्वारा की गयी है और अंतरराष्ट्रीय सलाहकारों से इसके लिए सलाह ली गयी है। उन्होंने कहा कि पांच किलोमीटर लंबे महात्मा गांधी सेतु के शेष दो लेन उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ते हैं। इनसे रोजाना करीब एक लाख यात्री वाहन गुजरते हैं। ये दिसंबर 2021 तक तैयार हो जायेंगे। मंत्री ने कहा कि इस पुल से उत्तरी दिशा में हाजीपुर, छपरा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सीवान और पूर्वी उत्तर प्रदेश और दक्षिणी दिशा में पटना, आरा, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, गया, औरंगाबाद और झारखंड को लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा पुल के नवीकरण में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था लेकिन अंततः इसके नवीकरण के लिए तकनीकी अनुसंधान ने मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा पुराने महात्मा गांधी सेतु के अलावा, 2,926 करोड़ रुपये की लागत से गंगा पर समानांतर 5 किलोमीटर लंबा और 4-लेन पुल का निर्माण किया जायेगा।
परियोजना पर काम अक्टूबर में शुरू होगा और मार्च 2024 तक पूरा होगा। उन्होंने कहा नया पुल देश का पहला पुल होगा, जो 242 मीटर ऊंचा होगा और उसके नीचे से जहाज गुजर सकेंगे। आगामी पुलों का विवरण प्रदान करते हुए, मंत्री ने कहा कि कोशी नदी पर 1,478 करोड़ रुपये के पुल का निर्माण शुरू होगा, जो नेपाल, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों को जोड़ने के अलावा भागलपुर और मधेपुरा के बीच कनेक्टिविटी लिंक के रूप में काम करेगा। अन्य पुलों में भागलपुर और नौगछिया और गंगा पर भोजपुर-बक्सर पुल को जोड़ने के लिए 1,100 करोड़ रुपये का विक्रमशिला पुल शामिल है, जो उत्तर प्रदेश को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और 2021 से पहले पूरा हो जाएगा।
मंत्री ने कहा कि साहेबगंज पुल पर जल्द ही काम शुरू होगा, जहां चीन की भागीदारी के कारण निविदा रद्द करनी पड़ी थी। इसके अलावा, बिहार के विकास के लिए, मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और लीची जैसे राज्य के उत्पादों का निर्यात किया जाएगा। रसद लागत में कमी लाने के लिये जलमार्ग का एक विशाल नेटवर्क बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है, जो चीन जैसे देशों में 7-8 प्रतिशत की तुलना में भारत में असाधारण रूप से 17-18 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि गंगा पर 10,338 करोड़ रुपये का पुल बिहार की अर्थव्यवस्था को बदल देगा। सरकार गरीबी बेरोजगारी आदि के मुद्दों को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है। गडकरी ने कहा कि 88 हजार करोड़ रुपये के ग्रामोद्योग का कारोबार दो साल में बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने की योजना बनायी जा रही है। केंद्रीय कानून, संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गंगा में बख्तियारपुर में काला दियारा में एक पुल की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने देश में राजमार्गों का चेहरा बदलने के लिये गडकरी की सराहना की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि बिहार में 30 हजार करोड़ रुपये का कार्य कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों के खातों में 3,800 करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गये। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण के अलावा, बक्सर को वाराणसी से राजमार्गों से जोड़ने की मांग की।

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