बेरूत
लेबनान की राजधानी बेरूत के बंदरगाह में मंगलवार की शाम को हुए दो विनाशकारी विस्फोटों ने सबकुछ हिला कर रख दिया। इन धमाकों में करीब 160 लोगों की जान गई, लगभग 5000 से अधिक लोग घायल हुए। इससे शहर को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। इन धमाकों को लेकर लोगों में गुस्सा इसकदर बढ़ा कि अब वो सड़कों पर उतर आए हैं। हजारों की संख्या में लोग संसद भवन की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने हालात को काबू करने की कोशिश की। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए, बावजूद इसके बेरूत की सड़कों पर हंगामा बढ़ता जा रहा है।
बेरूत में जनता के आक्रोश और पुलिस के साथ संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई है। वहीं, दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। वहीं 19 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। लेबनान में पहले से ही अभूतपूर्व आर्थिक और वित्तीय संकट से लोग परेशान थे, इस बीच बेरूत के बंदरगाह में हुए धमाकों ने लोगों के गुस्से को और भी बढ़ा दिया। इस बीच बेरूत में बंदरगाह के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है जहां हाल ही में हुए घातक विस्फोट हुआ था।
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान के अटॉर्नी जनरल जज घासन अल-खौरी ने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार हुए अधिकारियों में सीमा शुल्क विभाग के महानिदेशक बद्री डाहर, पूर्व सीमा शुल्क निदेशक चाफिक मरही और बेरुत पोत के महानिदेशक हसन कोरयतेम शामिल हैं। बेरूत में हुए भयावह विस्फोट की घटना के बाद बंदरगाह के 16 कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके ठीक एक दिन बाद अब इन अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। लेबनान के सीमा शुल्क अधिकारियों, सेना ने पिछले छह साल में 10 बार इस बात को लेकर चेतावनी दी थी कि बेरूत के बंदरगाह में विस्फोटक रसायनों का जखीरा पड़ा है। उसकी सुरक्षा लगभग न के बराबर है।हाल ही में सामने आए कुछ दस्तावेजों से यह पता चलता है कि इन चेतावनियों पर जरा भी गौर नहीं किया गया। जिसकी वजह से मंगलवार को 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया जिससे देश के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र में भयंकर तबाही मची और हर तरफ मौत और बर्बादी के मंजर देखे गए। अब इसी से नाराज लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने लेबनान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।