नई दिल्ली
कोरोना संकट के चलते केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की इस साल आयोजित न हो सकी परीक्षाओं को न करवाने का फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि दिल्ली राज्य के विश्वविद्यालयों की परीक्षा रद्द कर दी गई है। UGC ने देशभर के विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का निर्देश दिया था जिसका 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार से जानना चाहा कि क्या राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम विश्वविद्यालय UGC के दिशा-निर्देशों को प्रभावित कर सकते हैं? इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द करने संबंधी याचिकाओँ की सुनवाई के दौरान सवाल उठाए कि क्या राज्य आपदा प्रबंधन कानून के तहत यूजीसी की अधिसूचना और दिशानिर्देश रद्द किए जा सकते हैं? इस पर UGC की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब के लिए कुछ समय मांगा और खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
सुनवाई के दौरान मेहता ने दलील दी कि दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने अपने यहां विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में परीक्षाएं निरस्त करने के आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आखिर जब UGC डिग्री देने के लिए अधिकृत है तो राज्य सरकार कैसे परीक्षा रद्द करने का निर्णय ले सकते हैं। UGC की ओर से 14 अगस्त को यह बताया जायेगा कि क्या राज्य आपदा प्रबंधन कानून के तहत यूजीसी की परीक्षा संबंधी अधिसूचना रद्द कर सकती है? गौरतलब है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर विभिन्न पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं।