जोधपुर । जिले के देचू थाना क्षेत्र में रविवार को पाक विस्थापित एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। पुलिस इन सभी सुराग की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। परिवार की मंझली बेटी प्रिया पर जहरीले इंजेक्शन लगाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है, क्योकि वह एक ट्रेंड नर्स थी। माना जा है कि परिवार ने मानसिक तनाव के कारण सामूहिक आत्महत्या का कदम उठाया। परिवार 6 साल पहले ही पाकिस्तान से आया था।
पुलिस ने रविवार रात को सभी मृतकों के शवों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल भिजवाया। जहाँ कोरोना जांच हुई, सुबह मिली जांच रिपोर्ट में सभी निगेटिव पाए गए। इसके बाद तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने शवों का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान जोधपुर ग्रामीण एसपी राहुल बारहठ व डीसीपी आलोक श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस अधिकारी मोर्चरी के बाहर मौजूद रहे। सोमवार को दोपहर में सभी की सामूहिक रूप से अंत्येष्टि कर दी गई।
पुलिस को परिवार में से जिंदा बचे केवलराम ने लिखित में शिकायत देते हुए बताया कि उसके ससुराल पक्ष ने उसके परिवार पर कई केस दर्ज कर रखे हैं। इनमें दहेज प्रताड़ना और पुत्र की कस्टडी को लेकर भी मामले दर्ज हैं। ससुराल पक्ष और केवलराम के परिवार के बीच दोनों तरफ से करीब एक दर्जन क्रॉस केस दर्ज हुए हैं। इन मामलों में उसका भाई रवि जेल भी जा चुका था। मुकदमों के चलते परिवार मानसिक तनाव में था और सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिये उकसाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने केवलराम की पत्नी के प्रेमी सहित उसके तीन साथियों को हिरासत में लिया है। केवलराम और उसके भाई रवि की पत्नियां दोनों बहने हैं। दोनों अपने पतियों को विवाद के चलते जोधपुर के आंगणवा स्थित मायके आ गई थीं। बताया जा रहा है कि केवल की पत्नी आंगणवा में ही समाज के ही एक व्यक्ति के साथ रहती है। इसे लेकर दोनों परिवारों सहित इस व्यक्ति के बीच कई बार विवाद हो चुका है। आज उनसे भी पूछताछ की जा रही है।