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सचिन पायलट की वापसी हुई, पायलट बोले सार्वजनिक तौर पर बोलते वक्त एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए

यह बात उन्होंने गहलोत के सचिन को निकम्मा बताने वाले बयान पर कही

जयपुर,। राजस्थान में सियासी घमासान और पॉलिटिकल ड्रामे का पटाक्षेप हो गया हो, सचिन लौट कर वापस आ गए हों, लेकिन पिछले दिनों जो भी कुछ हुआ उसका दर्द दिलों में है। पिछले करीब एक महीने से चल रहे सियासी घमासान के बीच सचिन ने मंगलवार को पहली बार खुलकर अपनी बात रखी।

सचिन पायलट ने कहा कि मुद्दा यह नहीं कि मैं किसी आदमी का कितना विरोध करता हूं, लेकिन इस तरह की भाषा इस्तेमाल नहीं करता। सार्वजनिक तौर पर बोलते वक्त एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। राजनीति में निजी दुश्मनी की कोई जगह नहीं होती। पायलट ने कहा, “अशोक गहलोत मुझसे बड़े हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे भी काम के मुद्दे उठाने का हक है”। राहुल जी और प्रियंका जी ने हमारी आपत्तियां दूर करने के लिए रोडमैप तैयार करने का भरोसा दिया है। हमने जो मुद्दे रखे थे, उनके समाधान के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। यह बात पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान के रिफरेंस में दिया, जिसमें उन्होंने पायलट को निकम्मा और नाकारा बताया था।

हमने कभी भी पार्टी विचारधार के खिलाफ कुछ नहीं बोला

पायलट ने कहा हम लोग कांग्रेस में 20 साल से कार्यकर्ता हैं। हमें जब भी जो टास्क मिला हमने उसे निभाया है। हमारे कुछ इषू थे, जिन्हें हमने उठाया, यह हमारा अधिकार भी है। रही बात घर वापसी की तो हमने कभी कोई सीमा नहीं लांघी और पार्टी छोड़ने की बात कही हो, इसका तो सवाल ही नहीं उठता है। हमने पार्टी की विचारधाराए सरकार और पार्टी लीडरशिप के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला। हमने सिर्फ कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। मुझे इसका पूरा हक है।

मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा

मुख्यमंत्री पद को लेकर पायलट ने कहा कि पार्टी में मुझे कई पदों पर काम करने का मौका मिला है। ऐसे में पद कोई मायने नहीं रखता है। पार्टी जो निर्णय करती है, वहीं मानना चाहिए। डेढ़ साल पहले अषोक गहलोत को मुख्यमंत्री और मुझे उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। हमने काम किया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक नहीं किया। आगे क्या होता है, मुझे पता नहीं, लेकिन मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा।

पायलट ने कहा कि पायलट ने कहा कि 2013 के विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस पार्टी 200 से 21 सीटों पर आ गई थी। उस समय राहुल गांधी ने मुझे पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए कहा था। जयपुर आने के 5 साल में हमने पार्टी को फिर से खड़ा गया। उसके बाद हम सभी चुनाव जीते।
मैंने पद की नहीं, बल्कि कार्यकर्ता के सम्मान की बात उठाई है। जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को जिताने में जी-जान लगाई, जनता तक हमारे मुद्दे पहुंचाए, उन्हें पार्टी में सम्मान मिले, यह मेरी जिम्मेदारी है। जिन मुद्दों के प्रति जनता में हमारी जवाबदारी है, उन मुद्दों पर उतना काम नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। हमने यही मुद्दा उठाया है।

पायलट ने कहा राज्य में उप मुख्यमंत्री पर देषद्रोह के चार्ज लगाए गए। नोटिस भेजे गए, इससे ठेस लगी है। इस प्रकार की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। इन मुद्दों सहित अन्य कई मुद्दे उठाना चाहते थे, जो सामने नहीं आ रहे थे, जब मामला बढ़ता चला गया तो हमने यह निर्णय लिया था।

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