लखनऊ। 1 सितंबर से शुरू होने जा रहीं जेईई-नीट परीक्षाओं का विरोध अब खूनी संघर्ष में तब्दील हो चुका है। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज एरिया जंग का मैदान बन चुका है। पिछले कई दिनों से परीक्षाओं का विरोध कर रहे समाजवादी पार्टी के युवा संगठनों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन कर किया है। समाजवादी छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं का दल हांथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए सपा प्रदेश कार्यालय से निकलकर राजभवन की ओर बढ.ने लगा। छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने गौतमपल्ली चैराहे पर पहले ही बैरिकेडिंग कर रखी थी। हजरतगंज सीओ के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स और पीएसी के जवानों को भी तैनात किया गया था। लेकिन जब सपा कार्यालय से युवाओं की भीड़ नारेबाजी करते हुए निकली तो पुलिस की सभी तैयारियां बेकार हो गईं। पुलिस और सपा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोक-झोंक और झड़प शुरू हो गई। छात्र राजभवन का घेराव करने पर अड़ गए। इसके बाद उग्र छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। छात्र नेताओं को घेरकर जमकर पीटा गया। कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। कई के सिर फट गए तो कई के हांथों और पैरों में फ्रैक्चर हो गया है। छात्रों के साथ भिड़ंत में कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। पुलिस छात्रों को पीटते हुए घसीट-घसीटकर वाहनों में भरकर ईको गार्डेन भेज दिया है। प्रदर्शन में कई छात्राएं भी शामिल रहीं।
इससे पहले बीते गुरुवार को भी समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के छात्र संगठनों ने जेईई-नीट परीक्षाओं का आयोजन के विरोध में लखनऊ में प्रदर्शन किया था। राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई थी। पुलिस ने गुरुवार को भी लाठीचार्ज किया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से हरी झण्डी मिलने के बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश की यह परीक्षाएं 1 सितंबर से देश भर में शुरू हो जाएंगी। देश भर में इन परीक्षाओं में करीब 25 लाख छात्रों के शामिल होने का अनुमान है। कांग्रेस सहित विपक्ष कहना है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच इन परीक्षाओं का आयोजन कराकर सरकार छात्रों और उनके अभिभावकों का जीवन और स्वास्थ्य खतरे में डाल रही है। इसलिए यह परीक्षाएं टाल दी जाएं।