बीजिंग
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। हालांकि, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर तनाव कम करने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, चीनी मीडिया ने दावा किया है कि उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सामने भारतीय सेना नहीं टिक पाएगी। चीन के सरकारी अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है- ऊंची जगहों में भारतीय सेना बड़ी तादाद में सर्दियों में नहीं रह सकती है। इसका मतलब ये है कि भारतीय सेना को एक तरफ जहां ठंड का खतरा रहेगा तो दूसरी तरफ बेकाबू हुए कोरोना का। अखबार ने आगे लिखा है कि अगर भारतीय सेना ने पीएलए पर फायरिंग की और युद्ध के लिए उकसाया तो उसके बाद जवाबी कार्रवाई होगी। चाहे भले ही भारत पैंगोंग त्सो के दक्षिण किनारे की ऊंचाई पर हो या फिर उनके पास फ्रांस के बना राफेल लड़ाकू विमान हो, इन सभी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। चीन के सरकारी अखबार ने लिखा है कि ‘चीनी पक्ष ने भारतीय सेना से मांग की है कि उनके जो सैनिक गैरकानूनी तरीके से एलएसी को क्रॉस किए हैं वो बिना शर्त हटाया जाए। अखबार ने आगे लिखा है कि अगर भारत इसे स्वीकार नहीं करता है तो हम बॉर्डर पर तनाव बनाए रखेंगे’। अखबार ने लिखा है कि ‘जिस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच टकराव है वह हाई एल्टीट्यूड वाला क्षेत्र है। ऐसे में दोनों पक्षों के लिए वहां बड़े पैमाने पर सेनाएं बनाए रखना मुश्किल है। तो चलों, ताकत और इच्छाशक्ति का एक शो करें।’
चीन के सरकारी अखबार ने यह भी लिखा है कि अगर भारतीय सेना पीएलए पर गोलियां चलाती हैं और उकसाती हैं तो टकराव लड़ाई में बदल जाएगा। आगे लिखा है कि चीन भारत की गरिमा का बहुत ख्याल रखता है। ऐसी गरिमा का अंतत: कुछ राष्ट्रवादी ताकतों ने फायदा उठाया है। वे भूल गए हैं कि वे कौन हैं। इस बार सब कुछ मेज पर रखा जाना चाहिए। चीन की तरफ से इस तरह के दावे कोई नई बात नहीं है। लेकिन, यही झूठा चीन उस वक्त दुनिया को कुछ नहीं बताता है जब गलवान हिंसा के दौरान इसकी सेना की भारी नुकसान हुआ था। चीन लगातार दुनिया के सामने अपने आपको बढ़ाचढ़ा कर पेश करता रहा है। ऐसे में जिस तरह से भारतीय सेना ने टक्कर देकर उसे पीछे हटने पर मजबूर किया है उसके बाद से ऐसी बौखलाहट और बढ़ गई है।