Breaking News

सदन में भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में भी कृषि बिल पास

नई दिल्ली
संसद के मानसून सत्र की आज 7वां दिन है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर आज संसद की अंतिम मुहर लग गई है। विपक्षी सांसदों के जोरदार हंगामे के बीच राज्‍यसभा ने भी कृषि विधेयकों को पारित कर दिया है। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी मिली है। ध्‍वनिमत से पारित होने से पहले इन विधेयकों पर सदन में खूब हंगामा हुआ। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल तक पहुंच गए। कोविड-19 के खतरे को भुलाते हुए धक्‍का-मुक्‍की भी हुई। विपक्ष ने इसे ‘काला दिन’ बताया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि यह ‘लोकतंत्र की हत्‍या’ है। जब उपसभापति हरिवंश ने विधेयकों पर ध्‍वन‍िमत से वोटिंग के लिए कहा तो विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। वे इन विधेयकों को प्रवर समिति (सिलेक्‍ट कमिटी) में भेजे जाने के प्रस्‍ताव पर मतविभाजन की मांग कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य आसन के बिल्कुल पास पहुंच गए। हंगामा इतना ज्‍यादा हुआ कि मार्शल को हस्‍तक्षेप करना पड़ा। विपक्षी सदस्‍यों ने विधेयक के टुकड़े हवा में उछाल दिए। यहां तक कि उपसभापति के सामने लगा माइक भी तोड़ दिया गया। कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ा। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। राज्‍यसभा में हंगामे के बीच बिल पास होने को लेकर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि “बाहुबली मोदी सरकार ने जबरन किसान बिल को पास कराया है। इससे ज्यादा काला दिन कुछ हो नहीं सकता। देश का किसान मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।” वहीं डेरेक ओ’ ब्रायन ने कहा क‍ि ”उन्‍होंने (सरकार) धोखेबाजी की। उन्‍होंने संसद में हर नियम तोड़ा। यह ऐतिहासिक दिन था, सबसे बुरे लिहाज से। उन्‍होंने राज्‍यसभा टीवी की फीड काट दी ताकि देश देख न सके। उन्‍होंने आरएसटीवी को सेंसर कर दिया। हमारे पास सबूत हैं”। उन्‍होंने राज्‍यसभा से बाहर निकलते ही ट्विटर पर वीडियो पोस्‍ट किया। कृषि विधेयक पास होने पर बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने किसानों को पिछले 70 सालों के अन्‍याय से मुक्‍त करा दिया है’। उन्‍होंने राज्‍यसभा में हंगामे पर कहा, “विपक्षी दल किसान-विरोधी हैं। प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने के बजाय, उन्‍होंने किसानों की मुक्ति को रोकने की कोशिश की। बीजेपी उनकी हरकतों की निंदा करती है”।

Leave a Reply