फिरोजपुर
पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने ‘रेल रोको आंदोलन’ छह नवंबर तक बढ़ा दिया है। कमेटी की गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन की ओर से विधानसभा में पेश प्रस्ताव को रद्द करने का फैसला लिया है। साथ ही पांच नवंबर को भारत बंद को सफल बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। यह जानकारी कमेटी महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने दी। पंधेर ने कहा, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से विधानसभा में पेश किए प्रस्ताव को नहीं कमेटी नहीं मानती है। ये प्रस्ताव केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द नहीं करता बल्कि पंजाब के किसानों के उलट है। कृषि कानून को रद्द करने के लिए आंदोलन कई साल चल सकता है, इसके लिए पंजाब के किसानों को कमर कस लेनी चाहिए। पंधेर ने कहा, पंजाब में ब्लैकआउट की बात कह कर किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है, जबकि मालगाड़ियां केंद्र ने रुकवाई हैं। किसानों ने मालगाड़ियां के लिए रेल ट्रैक से धरना उठाया है। अब कैप्टन सरकार को ट्रेनें चलाने की क्लीयरेंस देनी चाहिए। कैप्टन सरकार किसानों के साथ क्या कर रही है, ये बातें पंजाब के बच्चे-बच्चे तक पहुंचाई जाएगी। विधानसभा में कैप्टन ने प्रस्ताव कृषि कानूनों को रद्द करने को नहीं बल्कि लागू करने के लिए पेश किया है। पंजाब में जो भी घटना घट रही है, उसका जिम्मेदार किसानों को ठहराया जा रहा है लेकिन किसान अपना आंदोलन प्रभावित होने नहीं देंगे।
रेल डिवीजन फिरोजपुर के अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) सुखविंदर सिंह ने कहा कि अभी तक उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से ट्रेनें चलाने का कोई आदेश नहीं मिला है। डिवीजन की ओर से ट्रेन चलाने की सभी तैयारियां पूरी हैं। जैसे आदेश मिलेंगे ट्रेनें चलाई जाएंगी। सिंह ने कहा कि अभी तक न तो पैसेंजर ट्रेन और न ही मालगाड़ी चलाई गई हैं। आदेश आते ही ट्रेनें चला दी जाएंगी। थर्मल प्लांट में कोयले की कमी है और एक-दो दिन में ब्लैकआउट हो जाने के सवाल पर एडीआरएम ने कहा कि इस बारे में उच्च स्तर पर बातचीत चल रही है, वे इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।