नई दिल्ली
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने केंद्र सरकार से छह हफ्तों में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। माल्या के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही के दौरान सोमवार को कोर्ट ने यह निर्देश दिया।
अदालत जनवरी के पहले हफ्ते में आगे फिर सुनवाई करेगी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, कुछ कानूनी कार्यवाही अभी भी ब्रिटेन में लंबित है, जिससे प्रत्यर्पण में देरी हो रही है। पिछली सुनवाई में अदालत ने माल्या के वकील से पूछा था कि उनके मुवक्किल इस केस में कब पेश हो सकते हैं। कोर्ट ने पूछा, लंदन में चल रही प्रत्यर्पण की कार्यवाही कहां तक पहुंची है। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि अभी मामले में क्या-कुछ हो रहा है औऱ प्रत्यर्पण में क्या रुकावट है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (एससी) को बताया, माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही हो रही है, जिसके बारे में भारत सरकार को भी अवगत नहीं कराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को पांच अक्तूबर को दोपहर दो बजे से पहले व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय को माल्या की अक्तूबर में न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुविधा देने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने माल्या की अवमानना मामले में दोषी ठहराने के 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया था।