जम्मू
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के जवानों को शनिवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
बीएसएफ़ के गश्ती दल ने भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक गुप्त सुरंग का पता लगाया है। इसी लंबाई करीब 150 मीटर है। इससे सेना अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद अधिकारियों ने बीएसएफ़ को सीमा पर इस तरह की अन्य गुप्त सुरंगों का भी पता लगाने के लिए विशेष सर्च अभियान शुरू करा दिया।
बीएसएफ़ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, गश्ती दल को कठुआ के हीरानगर में आईबी के समीप पानसर इलाके में जीरो लाइन और तारबंदी के बीच एक सुरंग मिली है। यह करीब 150 मीटर लंबी है। उन्होंने कहा, सुरंग का एक छोर भारतीय सीमा चौकी 14, 15 के बीच है, जबकि दूसरा छोर पाकिस्तान के शंकरगढ़ के अभियाल डोगरा सीमा चौकी के पास है। इसके बाद सुरंग को बंद करने का कार्य शुरू कर दिया।
बीएसएफ़ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान के शंकरगढ़ में ही जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर कासिम खान का घर है, जो आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम करता है। उन्होंने कहा, साल 2016 में पठानकोट एयरबेस पर जो आतंकी हमला हुआ था, उसके मास्टरमाइंड्स में कासिम का नाम भी शामिल था। ऐसे में जाहिर है कि आतंकी भारत में आतंकियों को भेजने के लिए संभवत: इसी सुरंग का इस्तेमाल करते रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह बहुत बड़ी सुरंग है। यह छह से आठ साल पुरानी है। इसका इस्तेमाल लंबे समय से घुसपैठ और ड्रग्स तथा हथियारों की सप्लाई के लिए किया जाता रहा होगा। उन्होंने कहा, यह सुरंग ऐसी जगह स्थित है, जहां 2012 में पाकिस्तान ने फॉरवर्ड ड्यूटी प्वाइंट पर भारी गोलाबारी की थी। इसके अलावा जनवरी 2019 में पाकिस्तानी स्नाइपर ने बीएसएफ़ के असिस्टेंट कमांडेंट विनय प्रसाद पर हमला किया था, जिसमें वो शहीद हो गए थे। अन्य अधिकारी ने कहा, सीमा पर सभी सुरंगों का पता लगाना महत्वपूर्ण है। इससे देश में घुसपैठ को पूरी तरह से रोका जाएगा।